शिवसेना बनाम शिवसेना मामला : सुप्रीम कोर्ट में 14 फरवरी को होगी सुनवाई

उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. दरअसल, शिवसेना ने नेता एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर अपनाते हुए पार्टी के कई विधायकों को अपने साथ जोड़ बीजेपी के सहयोग से सीएम की कुर्सी कब्जा ली थी. 

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शिवसेना बनाम शिवसेना मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 फरवरी को होगी सुनवाई

शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में पांच जजों की संविधान पीठ 14 फरवरी को सुनवाई करेगी. महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट को ये तय करना है कि ये मामला 5 जजों की संविधान पीठ ही सुनेगी या 7 जजों की संविधान पीठ को भेजा जाए. उद्धव ठाकरे ग्रुप की ओर से मांग की गई है कि अरुणाचल प्रदेश मामले में नबम रेबिया केस के फैसले को सात जजों के पीठ में भेजा जाए. 

पीठ में जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस  पीएस नरसिम्हा शामिल हैं. 23 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने  सेना बनाम शिवसेना केस संविधान पीठ को भेज दिया था. संविधान पीठ को स्पीकर और राज्यपाल की शक्तियों को तय करना है.

उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. आपको बता दें कि शिवसेना ने नेता एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर अपनाते हुए पार्टी के कई विधायकों को अपने साथ जोड़ बीजेपी के सहयोग से सीएम की कुर्सी कब्जा ली थी. 

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