शिवसेना सांसद संजय राउत आज मुंबई में ED के समक्ष पेश हुए. इससे पहले ED दफ्तर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना सांसद ने कहा कि मुझे किसी तरह का भय नहीं है क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में कभी भी कोई गलती नहीं की है. उन्होंने कहा कि यदि यह राजनीतिक साजिश है तो इसकी जानकारी बाद में मिल जाएगी. पात्रा चॉल भूमि घोटाले के बारे में बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा,”मेरा पत्रा चाल से कोई संबंध नहीं है. वो चाल कहां है ये भी पता नहीं. मैंने आज तक कोई गलत काम नही किया है.”
गौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत को आज ED ने दूसरी पर समन किया है. इससे पहले उन्हें पिछले 28 जून, 2022 को भी समन किया गया था जब वो उपस्थित नहीं हो सके.
दरअसल ED का दावा है कि पात्रा चॉल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर थे HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राऊत. कंपनी पर आरोप है कि उसने महाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ जमा किए. फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर 138 करोड़ रुपए फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नही दिया. इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए।
ED का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राऊत को 100 करोड़ रुपए दिए जिसमे से प्रवीण राऊत ने 55 लाख रुपए संजय राऊत की पत्नी वर्षा राऊत को दिए थे जो मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है.
ED इसके पहले शिवसेना नेता संजय राऊत की अलीबाग की जमीन और दादर का फ्लैट कुर्क करने की नोटिस दे चुकी है.