कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि पार्टी की राज्य इकाइयों के अध्यक्ष उनके प्रचार के दौरान मौके पर से नदारद रहे. उन्होंने यह चौंकाने वाला दावा करके अपने पहले के दावों को औरल बल दे दिया है. दरअसल, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए पार्टी निष्पक्षता का वहन नहीं कर रही है. बता दें कि पार्टी 20 से अधिक वर्षों के बाद चुनाव करा रही है.
कांग्रेस सांसद ने रविवार को एक इंटरव्यू में एनडीटीवी को उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछा जाने पर कहा कि, जिस तरह से उनके प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे को व्यापक रूप से गांधी परिवार की पसंद के रूप में देखा जाता है और जिस तरह से पार्टी नेताओं द्वारा उनके साथ व्यवहार किया जाता है, में अंतर की ओर इशारा किया.
उन्होंने कहा, "मैंने कई जगहों पर देखा है कि पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस प्रमुख), सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) के नेता और बड़े नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का स्वागत करते हैं, उनके साथ बैठते हैं, लोगों को आमंत्रित करते हैं और उन्हें उपस्थित होने के लिए कहते हैं, यह सब एक उम्मीदवार के लिए हुआ लेकिन मेरे लिए कभी नहीं."
उन्होंने कहा, "मैंने राज्य कांग्रेस कमेटी का दौरा किया. लेकिन वहां राज्य प्रमुख उपलब्ध नहीं थे. मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं, लेकिन क्या आपको व्यवहार में अंतर नहीं दिखता है?"
थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें सोमवार के चुनाव में मतदान करने वाले कांग्रेस प्रतिनिधियों की एक अधूरी सूची मिली है. साथ ही उनसे संपर्क करने के लिए सूची में कोई फ़ोन नंबर नहीं है. "मुझे दो सूचियां मिलीं. पहली सूची में फोन नंबर नहीं थे, तो कोई प्रतिनिधियों से कैसे संपर्क कर सकता है? मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह जानबूझकर है. 22 साल से चुनाव नहीं हुए थे, इसलिए हो सकता है कि कुछ चूक हुई है."
"मैं जानता हूं कि मधुसूदन मिस्त्री और उनकी टीम एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की कोशिश कर रही है. मैं उनके खिलाफ शिकायत नहीं कर रहा हूं." थरूर ने कहा कि वह कांग्रेस के मतदाताओं तक पहुंचने और उन्हें अपना घोषणा पत्र बताने में मदद करने के लिए मीडिया पर निर्भर थे.
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