शरद यादव का पार्थिव शरीर भोपाल लाया गया, पैतृक गांव आंखमऊ में होगा अंतिम संस्कार

केंद्रीय मंत्रिमंडल में 'शरद बाबू' ने श्रम, नागरिक उड्डयन, कपड़ा,  खाद्य और उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाली थी. 2018 में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बनाई, लेकिन दो साल बाद इसका लालू यादव के राष्‍ट्रीय जनता दल में विलय कर लिया.

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राजाभोज एयरपोर्ट पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शरद यादव को श्रद्धांजलि दी.
नई दिल्ली:

विशेष विमान से वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली से भोपाल पहुंच गया है. राजाभोज एयरपोर्ट पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने श्रद्धांजलि दी. यहां से अब सड़क मार्ग से जिला नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) स्थित शरद यादव के पैतृक निवास ग्राम आंखमऊ पार्थिव शरीर लाया जाएगा. दोपहर ढाई बजे के बाद शरद यादव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. शरद यादव के भतीजे शैलेश यादव ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार आंखमऊ गांव में किया जाएगा और शरद यादव के पुत्र शांतनु बुंदेला उन्हें मुखाग्नि देंगे.

छात्र जीवन से ही सियासत में रही रुचि

शरद यादव का जन्‍म 1 जुलाई 1947 को मध्‍य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के अखमाउ गांव में हुआ था. उनका जन्‍म भले ही मध्‍य प्रदेश में हुआ लेकिन राजनेता के तौर पर वे बिहार की सियासत से ज्‍यादा जुड़े रहे. छात्र जीवन से ही सियासत को लेकर उनकी खास रुचि रही. मध्‍य प्रदेश के जबलपुर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले शरद यादव ने डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर कई आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की. जेपी आंदोलन से भी उनका जुड़ाव रहा. 

बिहार की मधेपुरा सीट से रहा नाता

वर्ष 1974 में वे लोकसभा के लिए चुने गए. मध्‍य प्रदेश के जबलपुर से दो बार सांसद चुने गए शरद ने संसद में चार बार बिहार की मधेपुरा सीट का भी प्रतिनिधित्‍व किया. यूपी के बदायूं से भी वे एक बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. उच्‍च सदन यानी राज्‍यसभा के भी वे तीन बार सदस्‍य रहे. केंद्रीय मंत्रिमंडल में 'शरद बाबू' ने श्रम, नागरिक उड्डयन, कपड़ा,  खाद्य और उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाली थी. 

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लोकदल, जनता दल, जनता दल यूनाइटेड में रहे

लोकदल, जनता दल, जनता दल यूनाइटेड जैसी पार्टियों से वे संबंद्ध रहे. राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के संयोजक की जिम्‍मेदारी भी वे संभाल चुके हैं. नीतीश कुमार और लालू यादव को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने में शरद यादव का योगदान माना जाता है. वर्ष 2018 में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बनाई, लेकिन दो साल बाद इसका लालू यादव के राष्‍ट्रीय जनता दल में विलय कर लिया. 

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