राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने उनकी उंगली पकड़कर राजनीति में आने संबंधी नरेंद्र मोदी के 2016 के बयान का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि अब प्रधानमंत्री का ‘‘अलग रुख'' है. पवार ने संसदीय चुनावों से पहले महाराष्ट्र के पुणे जिले में बारामती लोकसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए ‘‘व्यक्तिगत हमले'' करने और ‘‘अलग विचारधारा वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए'' प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं केंद्रीय कृषि मंत्री था, तब मैंने गुजरात की बहुत मदद की थी. उस समय मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. मैंने यह नहीं देखा कि वह किस पार्टी से जुड़े थे. मैंने देखा कि उनके राज्य में किसानों को खुश करने की जरूरत थी और इसलिए मैंने उनकी मदद की.''
शरद पवार ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्तिगत आलोचना करता है या अलग रुख अपनाता है, तो उसे जेल में डाल दिया जाता है. पवार ने कहा, ‘‘क्या यही लोकतंत्र है? नहीं, यह तानाशाही है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर सत्ता किसी एक व्यक्ति के हाथ में जाती है तो वह भ्रष्ट हो जाती है. अगर सत्ता अधिक लोगों के हाथ में होती है, तो वह गलत रास्ते पर नहीं जा सकती.''
मोदी बनाम गांधी का जवाब
बारामती की लड़ाई ‘‘पवार बनाम पवार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और राहुल गांधी के बीच'' होने संबंधी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया बयान का जिक्र करते हुए राकांपा (एसपी) प्रमुख ने चुटकी ली कि क्या कांग्रेस नेता वोट मांगने के लिए बारामती आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह वोट मांगने के लिए यहां आ रहे हैं? यह एक नई बात है. वे महाराष्ट्र के लिए वोट देने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं; वे मोदी या गांधी के बारे में बात कर रहे हैं. मेरे लिए, इस चुनाव का मतलब यह देखना है कि यहां के मतदाताओं की सामूहिक शक्ति राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे कार्यों का मार्ग कैसे प्रशस्त कर सकती है.''
अजित पवार पर भी बोले
शरद पवार ने अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले के बारे में कहा कि कुछ लोगों ने अतिवादी कदम उठाया. शरद पवार ने कहा, ‘‘आज भाजपा ग्रामीण इलाकों में आम लोगों और किसानों की चिंता करने वाली पार्टी नहीं है. पार्टी मुट्ठी भर लोगों की है, इसलिए आम मतदाताओं ने भाजपा के साथ जाने के लिए (अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को) वोट नहीं दिया था.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में बारामती के लोगों ने पूरे दिल से मतदान किया और उनका वोट (तब अविभाजित) राकांपा के नाम पर था. उन्होंने कहा, ‘‘आज, कुछ लोग उस तथ्य को भूल गए हैं और एक अलग रास्ते पर जा रहे हैं. मुझे लगता है कि यह गलत रास्ता है, उस रास्ते पर जाना बंद कर देना चाहिए और लोगों को सही रास्ते पर चलना चाहिए.''
बेटी पर ये जवाब दिया
शरद पवार ने अपनी बेटी और बारामती से मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के समर्थन में कहा कि उन्हें इस सीट से उनकी पार्टी की उम्मीदवार के बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि संसद उनके बारे में बोलती है. उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रिया का नाम उन तीन सांसदों में शामिल है, जिन्होंने 90 फीसदी उपस्थिति के साथ बेहतरीन काम किया है. अब तक किसी ने भी उन पर एक भी आरोप नहीं लगाया है. मैंने उन्हें संसद में आपका पक्ष रखने के लिए नामित किया है. मैं आपसे उस (राकांपा के विभाजन के बाद उनकी पार्टी के) नए चिह्न ‘तुरही बजाते व्यक्ति' के लिए वोट करने की अपील करूंगा.'' बारामती में सुले का मुकाबला अजित पवार की पत्नी और राकांपा उम्मीदवार सुनेत्रा पवार से है. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल से 20 मई तक पांच चरण में मतदान होना है. बारामती में सात मई को मतदान होगा.