लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर यह लगने लगा है कि मानो पार्टी को संजीवनी मिल गई हो और पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उत्साहित हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी काफी एक्टिव हो गए हैं. अब वह गुजरात की अपनी यात्रा पर हैं.
गुजरात के दौरे पर पहुंचे लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी का प्रदेश प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल ने भगवान शिव की प्रतिमा भेंट करके स्वागत किया. एक दिन पहले गोहिल ने राहुल गांधी को शिवभक्त कहकर संबोधित किया था. तस्वीरों में राहुल गांधी को रुद्राक्ष माला पहने हुए दखा जा सकता है.
अब राहुल गांधी की शिवभक्ति के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इसे हिंदू कार्ड खेलने की कोशिश की तौर पर देखा जा रहा है. बीते दिनों में भी राहुल गांधी ने कई मंदिरों का दौरा किया था. अप्रैल 2015 में राहुल गांधी केदारनाथ और 2017 में सोमनाथ मंदिर में पूर्जा अर्चना की थी. राहुल कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी कर चुके हैं.
लोकसभा में राहुल गांधी ने दिखाई थी भगवान शंकर की तस्वीर
बीते दिनों में लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'हिंदू हिंसा की बात करते हैं' और 'अभय मुद्रा' वाले बयान पर भारी हंगामा भी हुआ. राहुल ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान भगवान शंकर की तस्वीर दिखाई और कहा कि यह अभय रहने का संदेश देती है. उन्होंने कहा कि शिव की तस्वीर में त्रिशूल बाएं हाथ में होता है, यह दरअसल अहिंसा का प्रतीक है.
राहुल गांधी की शिवभक्ति की सियासी गलियारों में चर्चा क्यों?
अब राहुल गांधी की शिवभक्ति की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है. बीजेपी ने राहुल गांधी पर हिंदू कार्ड खेलने का आरोप लगाया है. इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शिवभक्त बताते हैं. बीते दिनों में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत नोे भी कहा था कि हमारे नेता राहुल गांधी शिवभक्त है. राहुल गांधी खुद भी यह कह चुके हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी शिवजी की पूरा करती थी, जबकि उनके पिता राजीव गांधी भी शिव भक्त रहे हैं. बरहाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शिव भक्ति के प्रति झुकाव को लेकर वे बीजेपी के निशाने पर है और अभी कई सावल के जवाब मिलने भी बाकी है.