उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से माफियाओं के ठिकानों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी के कड़ी में अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के ठिकानों पर प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई. इस बीच उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद अतीक अहमद के परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई. अतीक अहमद की हत्या और उसके बेटे असद के एनकाउंटर के बाद अब पुलिस को उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश है वहीं दूसरी तरफ पुलिस को दूसरे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ़शां अंसारी की भी तलाश है. प्रशासन की तरफ से अफ़शां अंसारी पर 75 हजार रुपये का इनाम रखा गया है.
शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दो दिन में कौशांबी ज़िले के बड़ेथा, मारियाडीह और हटवा इलाकों में पुलिस ने उसकी तलाश में दबिश दी है. इसके अलावा प्रयागराज के राजरूपपुर, चकिया, कसारी-मसारी और बमरौली इलाकों में भी पुलिस उसकी तलाश में पहुंची. कुछ जगहों पर दबिश देने के लिए पुलिस ने ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया है. लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है. यूपी पुलिस ने उसे मोस्ट वांटेड में से एक घोषित करते हुए उसकी जानकारी देने वालो का 50 हज़ार रुपए का इनाम देने का एलान किया है. कुछ सूत्र कह रहे हैं शाइस्ता को आख़िरी बार प्रयागराज में एक टैक्सी में देखा गया और पुलिस अब ट्रैवल एजेंसियों से भी संपर्क कर रही है.
शाइस्ता अतीक के गैंग को करती है कंट्रोल
आरोप है कि जब भी अतीक़ और अशरफ़ जेल जाते थे तो शाइस्ता परवीन उनकी जगह गैंग का ऑपरेशन संभालती थीं. पचास साल की शाइस्ता बारहवीं पास है. शाइस्ता एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल की बेटी है. 1996 में जब अतीक़ अहमद ने शाइस्ता से शादी की , तो वो अपराध की दुनिया में ख़ुद को स्थापित कर चुका था. शुरू में शाइस्ता परवीन घर के कामों तक ही सीमित रहीं लेकिन बाद में अपने पति के काम में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी.
उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन है मुख्य किरदार!
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाइस्ता अपने पति अतीक़ से मिलने गुजरात की साबरमती जेल गई थीं. जहां दोनों के बीच राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को रास्ते से हटाने पर बात हुई. इसके लिए अतीक़ ने शाइस्ता से एक फ़ोन और सिम कार्ड जेल में उसे पहुंचाने को कहा. अतीक़ ने शाइस्ता को उस पुलिस कांस्टेबल का नाम भी बताया जिसे ये फ़ोन और सिम कार्ड दिया जाना था. कुछ दिन बाद फ़ोन अतीक़ अहमद के पास पहुंच गया. जिसके ज़रिए अतीक़ ने शूटर्स से बात की और हमले की साज़िश तैयार की. ज़ीशान नाम के एक प्रॉपर्टी डीलर ने भी आरोप लगाया है कि शाइस्ता ने अतीक़ द्वारा मांगी जा रही रंगदारी के लिए उसे भी कई बार धमकाया था. उमेश पाल की हत्या के बाद से वो पुलिस से बच रही थी.
अफ़शां अंसारी की भी पुलिस को तलाश
शाइस्ता परवीन ही नहीं इन दिनों उत्तरप्रदेश पुलिस एक और माफ़िया डॉन मुख़्तार अंसारी की पत्नी अफ़शां अंसारी की भी गिरफ़्तारी की कोशिश में है. अफ़शां अंसारी फ़रार है और यूपी पुलिस ने दो अलग अलग मामलों में कुल 75 हज़ार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है. यूपी के मऊ के दक्षिण टोला पुलिस थाने में गैंगस्टर्स ऐक्ट के तहत दायर एक केस में पुलिस को अफशां अंसारी की तलाश है. एक स्थानीय कोर्ट ने इस मामले में अफ़शां अंसारी और उसके पति मुख़्तार अंसारी को वारंट भेजा हुआ है. यही नहीं ग़ाज़ीपुर ज़िले में दर्ज एक केस में भी अफ़शां अंसारी की पुलिस को तलाश है. ग़ाज़ीपुर पुलिस ने जिन 12 वांछित अपराधियों की लिस्ट जारी की है उनमें एक नाम अफ़शां अंसारी का भी है.
कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी है डॉन मुख्तार अंसारी
माफ़िया डॉन मुख्तार अंसारी और उसका भाई अफ़ज़ाल नवंबर 2005 के चर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी हैं. 2005 में मई में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में जब वो जेल में था तो उसने अपने भाई को ग़ाज़ीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से हराने वाले बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की साज़िश रचने का उसके ऊपर आरोप है.
29 नवंबर 2005 को हुए इस हत्याकांड में कृष्णानंद राय समेत छह लोगों की मौत हुई थी और ये हत्याकांड भारतीय राजनीतिक के सबसे सनसनीखेज़ हत्याकांडों में से एक है. तब हत्यारों ने एक संकरे पुल के पास कृष्णानंद राय के काफ़िले को घेर कर एके 47 राइफ़लों से क़रीब 400 राउंड गोलियां चलाई थीं. जिनमें से 21 गोलियां कृष्णानंद राय को मारी गई थीं. इस केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है और 29 अप्रैल को ग़ाज़ीपुर की एमपी-एलएलए कोर्ट को इस केस में फ़ैसला सुनाना है. इस केस में ही 29 अप्रैल को ग़ाज़ीपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट का फ़ैसला आना है. पहले ये फ़ैसला 15 अप्रैल को आना था लेकिन फिर 29 अप्रैल तक के लिए टल गया.
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