यासीन मलिक की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई पर सॉलिसिटर जनरल ने दी ये दलील

2022 में जम्मू की निचली अदालत ने इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद  के अपहरण के मामले में यासीन मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के मामले की सुनवाई तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराए जाने का मामले की सुनवाई हुई. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सभी सुविधाएं भी मौजूद हैं और पहले भी यासीन मलिक के मामले की सुनवाई यहीं हुई है.  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले मे दूसरे आरोपियों को पक्षकार बनाया है.

क्या है मामला

अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी. दरअसल 2022 में जम्मू की निचली अदालत ने इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद  के अपहरण के मामले में यासीन मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था.  जम्मू कोर्ट के आदेश को CBI ने चुनौती देते हुए कहा है कि यासीन मलिक की व्यक्तिगत पेशी से राज्य का माहौल बिगड़ सकता है और साथ ही केस के गवाहों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

कसाब को भी निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिला

इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ऑनलाइन माध्यम से जिरह कैसे की जाएगी? जम्मू में शायद ही कोई कनेक्टिविटी है... हमारे देश में अजमल कसाब को भी निष्पक्ष सुनवाई का मौका दिया गया था और उसे उच्च न्यायालय में कानूनी सहायता दी गई थी." पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस मामले में गवाहों की कुल संख्या के बारे में निर्देश प्राप्त करें.

Featured Video Of The Day
Uttarakhand Cloudburst: Dharali में तबाही के 2 गवाह : कल्प केदार डूबा, सोमेश्वर महादेव ने बचाई जान!
Topics mentioned in this article