दिल्ली समेत इन राज्यों के लिंगानुपात में आया सुधार, इस यूनियन टेरिटरी में हुआ बेहतर से बदतर

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट 'भारत में महिला और पुरुष 2023' के मुताबिक 2036 में भारत की जनसंख्या बढ़कर 152.2 करोड़ हो जाने का अनुमान लगाया गया है. इस दौरान जनसंख्या में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ने का अनुमान है.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को 'भारत में महिला और पुरुष 2023' जारी की. 
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लिंगानुपात 2011 के प्रति एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं के स्तर से बढ़कर 2036 में प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाएं होने की संभावना है. वहीं अगर देशभर में लिंगानुपात में आए बदलाव की बात करें तो देश में सबसे सकारात्मक सुधार दिल्ली में आया है. वहीं अगर सबसे खराब सुधार की बात करें तो इस मामले में दमन और दीव सबसे आगे हैं. वहां यह सुधार नकारात्मक है. आइए देखते हैं कि देश में सबसे खराब और सबसे अच्छे लिंगानुपात वाले पांच राज्य कौन से हैं.

लिंगानुपात सुधारने में दिल्ली सबसे आगे

पहले बात करते हैं सबसे अच्छे अनुपात वाले पांच राज्यों की. इस लिस्ट में सबसे आगे है दिल्ली. रिपोर्ट के मुताबिक 1951 से 2011 तक दिल्ली के लिंगानुपात में 5.7 फीसदी का बदलाव आया है. साल 1951 में दिल्ली का लिंगानुपात 768 का था. यह 2011 में बढ़कर 868 हो गया था.इस तरह दिल्ली के लिंगानुपात में 1951 से 2011 के बीच 5.7 फीसदी का बदलाव आया है.इस सूची में दूसरे नंबर पर चंडीगढ़ का नंबर है.वहां 1951 और 2011 के बीच लिंगानुपात में 5.3 फीसदी का बदलाव आया है.तीसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश का नाम है. अरुणाचल में 1951 और 2011 के बीच लिंगानुपात में पांच फीसदी का बदलाव आया है. वहीं चौथे नंबर पर दक्षिण भारत के राज्य पुडुचेरी का नाम है. साल 1951 और 2011 के बीच इस राज्य के लिंगानुपात में 3.6 फीसदी का बदलाव आया है. वहीं पांचवें नंबर पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नाम है. साल 1951 से 2011 के बीच यहां के लिंगानुपात में 3.5 फीसदी का बदलाव आया है.

वो राज्य जहां लिंगानुपात और खराब हुआ है

आइए बात करते हैं लिंगानुपात में सबसे खराब बदलाव वाले राज्यों की. इस सूची में सबसे पहला नाम दमन और दीव का है.साल 1951 में दमन और दीव का लिंगानुपात 1125 का था. यह 2011 में घटकर 618 रह गया है. इस तरह दमन और दीव के लिंगानुपात में माइनस 13 फीसदी का अंतर दर्ज किया गया है.वहीं दादर नगर हवेली में लिंगानुपात में माइनस 5.7 फीसदी का अंतर दर्ज किया गया है. वहीं मिजोरम में यह अंतर 4.4 फीसदी का दर्ज किया गया तो जम्मू कश्मीर में लिंगानुपात में इस दौरान 0.3 का अंतर दर्ज किया गया. बिहार में यह अंतर माइनस 0.1 फीसदी का था. 

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साल 2036 तक कितनी होगी भारत की जनसंख्या

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की यह रिपोर्ट बताती है कि 2036 में भारत की जनसंख्या में 2011 की जनसंख्या की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होने की संभावना है. रिपोर्ट कहती है कि भारत में 2011 में प्रत्येक एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं थी. यह 2036 तक प्रति एक हजार पुरुषों पर 952 हो जाने का अनुमान है. ये आंकड़े लैंगिक समानता की दिशा में सकारात्मक कदमों की जानकारी देता है. 

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रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ हो सकती है. इसमें महिलाओं की आबादी 2011 के 48.5 फीसद की तुलना में थोड़ा बढ़कर 48.8 फीसद हो जाएगा.

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