जंतर-मंतर पर किसान संसद का आज दूसरा दिन, दिल्ली पुलिस ने किए हुए हैं सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Farmer's Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि संसद का मानसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध-प्रदर्शन भी 13 अगस्त तक जारी रहेगा. हालांकि उपराज्यपाल ने 9 अगस्त तक ही धरने की अनुमति दी है.

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Farmer's Protest at Jantar Mantar : दिल्ली में जंतर-मंतर पर किसानों का प्रदर्शन जारी
नई दिल्ली:

दिल्ली में जंतर-मंतर के पास किसानों (Farmers Protest) ने मॉनसून सत्र (Monsoon session) के समानांतर किसान संसद  शुरू कर दी है. आज इसका दूसरा दिन है और  200 किसान जंतर-मंतर पहुंच  चुके हैं. दिल्ली पुलिस की चार बसों से किसानों सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर लाईं. इससे पहले गुरुवार को किसान नेता योगेंद्र यादव ने एनडीटीवी को कहा था कि  सभी किसान बारी-बारी से अपनी बात किसान संसद में रख रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहुंचने में देरी करा दी और किसानों को 2.5 घंटे तक घुमाती रही. उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे तक किसानों की संसद चलेगी. किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन करेंगे.

गुरुवार को हुआ था किसानों की गिनती को लेकर टकराव

इससे पहले रास्ते में पुलिस बस में बैठे किसानों को गिनना चाह रही थी, इस मुद्दे पर किसानों का पुलिस से टकराव हो गया था.. पुलिस इसके बाद सभी किसानों को एक रिजॉर्ट्स के अंदर लेकर गई थी, ताकि उनकी गिनती की जा सके. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर पहुंचने वाले हर किसान के पास पहचान पत्र होगा, जिसे चेक करने के बाद ही वहां जाने की अनुमति दी जाएगी. किसानों को यह पहचान पत्र संयुक्त किसान मोर्चा दे रहा है. 

पुलिस ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस ने जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की पांच-पांच कंपनियां तैनात की गई हैं. पूरी दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है. जंतर-मंतर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा और दिल्ली पुलिस के समन्वय से हो रहा है.

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उपराज्यपाल ने दी है 9 अगस्त तक धरने की अनुमति
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि संसद का मानसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध-प्रदर्शन भी 13 अगस्त तक जारी रहेगा. हालांकि उपराज्यपाल ने 9 अगस्त तक ही धरने की अनुमति दी है. इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान यूनियनों को शहर में अनुमति दी है.

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जानें क्या है मामला

देशभर के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं, उनका दावा है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर देगा और उन्हें बड़े कार्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ देगा. वहीं सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के तौर पर पेश कर रही है. किसान यूनियनों की सरकार के साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन यह दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है. 
 

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