सुप्रीम कोर्ट से अदाणी ग्रुप को मिली क्लीन चिट को लेकर SC के वरिष्ठ वकील नितिन मेश्राम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्केट मैनिपुलेशन की बात की है. सुप्रीम कोर्ट में कमेटी ने जो रिपोर्ट फाइल की है उसमें कहा गया है कि शेयर मैनिपुलेशन नहीं हुआ है और किसी तरह का रेगुलेटरी फेल्योर भी नहीं हुआ है. अदाणी ग्रुप को मिली क्लीन चिट को लेकर देश में जिस तरह का हंगामा हो रहा था, उसमे कहा जा रहा था मार्केट मैनिपुलेशन और शेयर के दामों को बढ़ाया गया है.
"कोई फेल्योर नहीं हुआ है"
नितिन मेश्रान ने कहा कि साथ ही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को लेकर भी काफी तरह की शंकाएं जताई गई थी. कहा जा रहा था कि ये रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का फेल्योर है और बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट कह दिया है कि किसी भी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का किसी तरह का कोई फेल्योर नहीं हुआ है, तो इससे अब जनता का भरोसा फिर बढ़ेगा. और इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था पर साफ तौर पर दिखेगा.
SEBI ने अदाणी ग्रुप से मिली जानकारी को सही बताया
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग केस (Hindanburg Case) की जांच के लिए बने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पैनल की रिपोर्ट शुक्रवार को सार्वजनिक कर दी गई. पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली नजर में अदाणी ग्रुप ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है, और SEBI ने भी अदाणी ग्रुप की ओर से दी गई जानकारी को गलत नहीं बताया है. रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. इस पूरे मामले पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया. रोहतगी ने कहा, "अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने किसी भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया. कमेटी की जांच में अदाणी ग्रुप बेदाग साबित हुई है.
"अदाणी ग्रुप ने निवेशकों के पक्ष में कई काम किए हैं"
मुकुल रोहतगी ने कहा, "जांच में सामने आया कि अदाणी ग्रुप के शेयर की कीमतें स्थिर हैं. शेयरों की कीमतें 24 जनवरी के पहले की कीमतें तो नहीं हैं, लेकिन कीमतें जहां पर भी हैं वो स्थिर हैं. अदाणी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा है. अदाणी ग्रुप ने कई काम किए हैं, जो निवेशकों के भरोसे के पक्ष में हैं. इसलिए चिंता की कोई वास्तविक वजह नहीं हैं." सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में 6 मेंबर की एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 6 मई को सौंप दी थी.