दिल्ली के अस्पतालों में दोगुने हुए ‘स्क्रब टाइफस’ और ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ के मरीज, जानें- क्या है ये बीमारी?

फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज में सीनियर इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा ने कहा, “डेंगू जो इस मौसम में नियमित तौर पर देखा जाता है, ओपीडी में आने वाले रोगियों में इन दिनों एक आम बीमारी है. इसके अलावा हमें टाइफाइड बुखार, तीव्र आंत्रशोथ, वायरल हेपेटाइटिस, ऊपरी श्वास नली में संक्रमण, स्वाइन फ्लू के कुछ मामले और कभी-कभी कोविड के मामले देखने को मिल रहे हैं.”

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
‘स्क्रब टाइफस’ एक संक्रामक रोग है
नई दिल्ली:

बेमौसम बारिश और मौसम में बदलाव के कारण दिल्ली के अस्पतालों में ऊपरी श्वास नली में संक्रमण, टाइफाइड और आंत्रशोथ (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) के मरीजों की संख्या में तेज वृद्धि देखी जा रही है. मूलचंद अस्पताल में श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. भगवान मंत्री ने कहा, “इन दिनों बहिरंग रोगी विभाग (ओपीडी) में प्रतिदिन 20 से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिनमें श्वास नलिका में संक्रमण, बुखार, टाइफाइड, स्वाइन फ्लू, एलर्जी, निमोनिया और डेंगू के रोगी शामिल हैं.”

उन्होंने कहा, “पहले, ऐसे रोगियों की संख्या प्रति दिन 10 से कम थी, लेकिन अब हम इसमें तेज वृद्धि देख रहे हैं.”उन्होंने कहा कि संक्रमण सभी आयु समूहों में हो रहा है, लेकिन जब बुजुर्गों के श्वसन पथ में संक्रमण होता है, तो वह गंभीर रूप धारण कर लेता है. जानकारों का कहना है कि आमतौर पर हर साल मानसून के बाद संक्रामक रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है. लेकिन पिछले वर्षों के विपरीत, कुछ अस्पतालों में ‘स्क्रब टाइफस' और ‘लेप्टोस्पायरोसिस' के मामले भी अधिक संख्या में देखे जा रहे हैं.

‘स्क्रब टाइफस' एक संक्रामक रोग है जो ‘ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी' नामक जीवाणु के कारण होता है. ‘लेप्टोस्पायरोसिस' एक जीवाणु संक्रमण है जो चूहों और जीवों के मूत्र या मल के माध्यम से फैलता है. फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज में सीनियर इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा ने कहा, “डेंगू जो इस मौसम में नियमित तौर पर देखा जाता है, ओपीडी में आने वाले रोगियों में इन दिनों एक आम बीमारी है.

Advertisement

इसके अलावा हमें टाइफाइड बुखार, तीव्र आंत्रशोथ, वायरल हेपेटाइटिस, ऊपरी श्वास नली में संक्रमण, स्वाइन फ्लू के कुछ मामले और कभी-कभी कोविड के मामले देखने को मिल रहे हैं.” उन्होंने कहा, “इस साल हमें स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले भी मिल रहे हैं, हालांकि इनकी संख्या बहुत अधिक नहीं है, लेकिन ये निश्चित रूप से पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं.”

Advertisement

बत्रा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एससीएल गुप्ता के अनुसार, बेमौसम बारिश और अचानक मौसम बदलना मामलों में वृद्धि का एक कारण हो सकता है. गुप्ता ने कहा, “हमारा अस्पताल बच्चों के ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण के मामलों को देख रहा है, खासकर सात से आठ साल के बच्चों में. इसके लक्षणों में बुखार, सांस फूलना, खांसी, बेचैनी शामिल हैं.” मंत्री ने गुप्ता की बात से सहमति जताई और कहा कि सितंबर के महीने में बेमौसम बारिश हुई, जो इन रोगियों की संख्या में वृद्धि का कारण हो सकती है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Ayodhya में Ram Mandir की बढ़ी सुरक्षा | PM Modi का उत्तराखंड दौरा | Bihar में महागठबंधन की बैठक
Topics mentioned in this article