प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले (SC/ST Scholarship Scam) में उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित 5.62 करोड़ रुपये की अचल संपति को कुर्क किया है. यह संपत्ति फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस चलाने वाले सेठ बिमल प्रसाद जैन एज्युकेशनल ट्रस्ट से संबंधित है. इस मामले में ईडी ने हरिद्वार पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की है.
जांच में सामने आया है कि रुड़की के फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने 2011-12 से 2014-15 की अवधि के दौरान हरिद्वार के समाज कल्याण विभाग से एससी-एसटी के छात्रों के नाम पर बड़ी मात्रा में छात्रवृत्ति प्राप्त की थी. खुलासा हुआ है कि संस्था ने एससी-एसटी छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए झूठे दावे किए थे और इस राशि का सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने अपने ट्रस्टियों के माध्यम से गबन किया. ट्रस्टियों के माध्यम से गलत लाभ अर्जित किया और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया.
पीएमएलए के तहत जांच से पता चला कि इस अवैध राशि को सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खातों में या कॉलेज के अन्य खातों में भेज दिया गया था, जिसका उपयोग ट्रस्ट के खर्चों के लिए किया गया था और नकदी के रूप में इस राशि को निकाला गया.
1.45 करोड़ रुपये की संपत्ति हरिद्वार में स्थित भूमि रुड़की के वली ग्राम उद्योग विकास संस्थान से संबंधित है, जो टेकवर्ड वली ग्राम उद्योग विकास संस्थान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस को चलाता है. उसे पहले भी एससी/एसटी छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में संलग्न किया गया है. इस मामले में अब तक की कुल कुर्की 7.07 करोड़ रुपये है.
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