बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर को फिर से खोलने की अर्जी पर जल्द सुनवाई से SC का इनकार

याचिकाकर्ता ने सीमित वैक्सीन लगवा चुके पंडे को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतीकात्मक कावंड़ यात्रा करने की भी अनुमति मांगी थी.

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पूरी दुनिया कोविड-19 से त्रस्त है : याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

झारखंड में बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Baba Baidyanath Jyotirlinga Temple) और बाबा बासुकीनाथ मंदिर (Baba Basukinath Temple) को फिर से खोलने की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने कहा कि इसे प्राथमिकता क्यों दी जाए? पूरी दुनिया कोविड-19 से त्रस्त है.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि झारखंड में कोरोना के केस काफी कम हैं. CJI ने कहा कि भले ही कोविड ना हो, जल्द सुनवाई की बात नहीं मानेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. 

बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पुजारियों के समूह पांडा धर्म रक्षिणी सभा ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी. याचिका में आवश्यक दिशानिर्देश के साथ सुल्तानगंज बिहार से एकत्रित किये गए गंगा जल के साथ बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पंडा/पुजारियों को श्रावण के महीने के दौरान पारंपरिक श्रावण पूजा करने की अनुमति देने की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता ने सीमित वैक्सीन लगवा चुके पंडे को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतीकात्मक कावंड़ यात्रा करने की भी अनुमति मांगी थी. हालांकि, उस समय इस याचिका पर सुनवाई नहीं की गई थी. 

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