हेट स्पीच केस : बीजेपी नेताओं पर FIR दर्ज करने की याचिका का परीक्षण करने को तैयार सुप्रीम कोर्ट

याचिकाकर्ता बृंदा करात की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने भाषणों की जानकारी देते हुए कहा कि यह लोगों को सबसे जघन्य प्रकार की हिंसा में शामिल होने का आह्वान कर रहा है.

Advertisement
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

2020 में CAA विरोधी प्रदर्शन मामले में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा की कथित हेट स्पीच पर FIR दर्ज करने की याचिका का परीक्षण करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक यदि संज्ञेय अपराध बनता है तो पुलिस FIR  दर्ज करने के लिए बाध्य है और उन्हें 7 दिनों में प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी. 

याचिकाकर्ता बृंदा करात की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने भाषणों की जानकारी देते हुए कहा कि यह लोगों को सबसे जघन्य प्रकार की हिंसा में शामिल होने का आह्वान कर रहा है. जस्टिस के एम जोसेफ और बी वी  नागरत्ना की  बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक यदि संज्ञेय अपराध बनता है तो पुलिस FIR  दर्ज करने के लिए बाध्य है, उन्हें 7 दिनों में प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी. 

जस्टिस जोसेफ ने अनुराग ठाकुर की गोली मारो वाली टिप्पणी को पढ़ा. हमारा मानना है कि गद्दार का मतलब देशद्रोही  ही है? यहां गोली मारो निश्चित रूप से इलाज करने के मामले में नहीं दी गई. 9 जनवरी 2023 को  सुप्रीम कोर्ट ने CPI ( M) बृंदा करात की याचिका पर पहले से चल रहे मामलों के साथ जोड़ दिया था. जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच में भेज दिया था. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने मामले को रेफर किया किया था. बेंच ने कहा था कि इस याचिका पर वही बेंच सुनवाई करे जिसके समक्ष इसी तरह के मामले लंबित हैं.

Advertisement

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया था  कि जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली पीठ हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. दरअसल पिछले साल अक्टूबर में, जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली एक पीठ ने आदेश दिया था कि धर्म संसद के कार्यक्रमों में हेट स्पीच की घटनाओं पर पुलिस स्वत: संज्ञान कार्रवाई करे. बृंदा करात ने दिल्ली हाईकोर्ट  के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई आपराधिक रिट याचिका को खारिज कर दिया गया था.

Advertisement

जिसमें बीजेपी नेताओं अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. हाईकोर्ट का कहना था कि हालांकि रिट याचिका सुनवाई योग्य है, लेकिन - कानून की स्थापित स्थिति के साथ-साथ एक प्रभावी वैकल्पिक उपाय के अस्तित्व पर न्यायिक फैसलों को देखते हुए उस पर विचार नहीं किया जा सकता था. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं के वकील दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित तंत्र का पालन करने में विफल रहे.

Advertisement

देश प्रदेश : हेट स्‍पीच पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- धर्म को राजनीति से अलग करना जरूरी

Advertisement
Featured Video Of The Day
Assembly Elections 2024 Exit Poll का पहला Result, Haryana में Congress को मिला रहा बंपर बहुमत
Topics mentioned in this article