मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया है. सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन को जमानत देने से इंकार कर दिया था. उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
अप्रैल में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के दिग्गज नेता सत्येंद्र जैन को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी कि निचली अदालत के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है, लिहाजा जैन को राहत नहीं दी जा सकती है. बड़ी बात यह है कि हाई कोर्ट ने यह मान लिया कि जांच के दौरान ऐसे सबूत मिले हैं, जो कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल चार कंपनियों में जैन और उनके परिवार के हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते तकरीबन एक साल से जेल में बंद जैन को हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह गवाहों तथा सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं. सतेंद्र जैन फिलहाल जून 2022 से तिहाड़ जेल में बंद हैं.
24 अगस्त 2017 को सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी
इसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने सत्येंद्र के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी
कानून एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया.