सुप्रीम कोर्ट ने बेअंत सिंह के हत्यारे की याचिका पर केंद्र सरकार को दिया 'आखिरी मौका'

बेअंत सिंह हत्याकांड (Beant Singh assassination) मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
SC ने केंद्र को 2 हफ्तों का समय दिया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

बेअंत सिंह हत्याकांड (Beant Singh assassination) मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने कोर्ट से तीन हफ्ते के समय मांगा है. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (SA Bobde) ने पूछा कि आखिर तीन हफ्ते क्यों मांग रहे हैं. आपने 26 जनवरी के पहले की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को आखिरी मौका दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दो हफ्ते का समय दिया है. मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टल गई है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार बलवंत सिंह राजोआना की अर्जी पर 26 जनवरी तक फैसला करे, जिसमें उसने सजा कम करने का अनुरोध किया है. बलवंत सिंह करीब 25 साल से जेल में है. साल 1995 में चंडीगढ़ स्थित सचिवालय के सामने हुए बम धमाकों में बेअंत सिंह समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी.

पंजाब : पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह तारा को मिली उम्रकैद की सजा

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेजने पर 26 जनवरी से पहले 25 जनवरी तक फैसला ले. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि यह एक अच्छी तारीख है. राजोआना की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि दोषी की दया याचिका 8 साल से लंबित है. पिछली सुनवाई में अदालत ने केंद्र से पूछा था कि वह दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में केंद्र सरकार को यह बताने के लिए कहा था.

Advertisement

इन 7 राजनेताओं की हत्याओं से सहम गया था देश

दरअसल पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी. राजोआना ने सजा के खिलाफ अपील नहीं की. वो पिछले 25 साल से जेल में है. अन्य लोगों ने उसकी ओर से दया याचिका दायर की. CJI ने कहा कि अन्य सह अभियुक्तों द्वारा लंबित अपील का केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से कोई प्रासंगिकता नहीं है कि गुरुनानक की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में कुछ दोषियों की मौत की सजा कम करने का फैसला किया जाए.

Advertisement

बेअंत सिंह की बेटी की बीजेपी ज्वाइन करने के तीन दिन बाद ही कांग्रेस में वापसी

गौरतलब है कि सितंबर 2019 में गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा था कि गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर कुछ कैदियों की रिहाई प्रस्तावित है. राजोआना ने कोई अपील भी नहीं की है, ऐसे में उसका कोई मामला अदालत में लंबित नहीं है. एक बार जब सरकार ने दोषी व्यक्ति की माफी लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करने का फैसला किया है, तो उसके सह-अभियुक्तों के सुप्रीम कोर्ट में अपील के लंबित रहना अनुच्छेद 72 के तहत शुरू की गई प्रक्रिया में देरी नहीं कर सकता.

Advertisement

VIDEO: पंजाब : पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते को खुद की रिवॉल्वर से गोली लगी, मौत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bank Locker Charges News: SBI, ICICI, HDFC और PNB के बैंक लॉकर चार्ज में हुआ बदलाव