चुनाव में फ्री उपहार के वादे करके वोट लेने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार किया है. CJI एनवी रमना ने कहा कि हमें ये याचिका मोटिवेटिड लगती है. आपने एक ग्रुप और पार्टियों को निशाना बनाते हुए ये याचिका दाखिल की गई है. आप इसे वापस लीजिए नहीं तो भारी जुर्माना लगाएंगे. याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था. वकील बरुन कुमार सिन्हा ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी.
दरअसल, हिंदू सेना के नेता सुजीत यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में इन पार्टियों द्वारा मुफ्त बिजली, लैपटॉप, स्मॉर्ट फोन, समाजवादी पेंशन योजना, पंजाब में महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह भत्ते का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह वादा भ्रष्ट प्रथा और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है. याचिका में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस के यूपी में और आम आदमी पार्टी के पॉजाब के उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. साथ ही इन पार्टियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग भी की गई है.
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