'हर जर्नलिस्‍ट संरक्षण का हकदार' : राजद्रोह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

एक बीजेपी नेता की शिकायत के आधार पर विनोद दुआ पर दिल्‍ली दंगों पर केंद्रित उनके एक शो को लेकर हिमाचल प्रदेश में राजद्रोह का आरोप लगाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
'हर जर्नलिस्‍ट संरक्षण का हकदार' : राजद्रोह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ पर राजद्रोह का मामला रद्द कर दिया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
फटाफट पढ़ें
  • बीजेपी नेता की शिकायत पर दर्ज किया था राजद्रोह का केस
  • एफआईआर के खिलाफ दुआ ने ली थी SC की शरण
  • मामले में 1962 के केदारनाथ केस का दिया हवाला
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्‍ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह का मामला रद्द कर दिया है. SC ने कहा कि वर्ष 1962 का आदेश हर जर्नलिस्‍ट को ऐसे आरोप से संरक्षण प्रदान करता है. गौरतलब है कि एक बीजेपी नेता की शिकायत के आधार पर विनोद दुआ पर दिल्‍ली दंगों पर केंद्रित उनके एक शो को लेकर हिमाचल प्रदेश में राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. एक एफआईआर में उन पर फर्जी खबरें फैलाने, लोगों को भड़काने, मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने जैसे आरोप लगाए गए थे. 

''मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते'' : वैक्‍सीन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की 5 खास बातें

वरिष्‍ठ पत्रकार दुआ ने इस एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. SC ने केस को रद्द कर लिया. हालांकि कोर्ट ने दुआ के इस आग्रह को खारिज कर लिया कि 10 साल का अनुभव करने में वाली किसी भी जर्नलिस्‍ट पर एफआईआर तब तक दर्ज नहीं की जानी चाहिए जब तक कि हाईकोर्ट जज की अगुवाई में कठिन पैनल इसे मंजूरी न दे दे. कोर्ट ने कहा कि यह विधायिका (legislature)के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण की तरह होगा.किन सुप्रीम कोर्ट ने महत्‍वपूर्ण रूप से एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि हर जर्नलिस्‍ट को ऐसे आरोपों से संरक्षण प्राप्‍त है. कोर्ट ने कहा, 'हर जर्नलिस्‍ट, राजद्रोह पर केदारनाथ केस के फैसले के अंतर्गत संरक्षण का अधिकार होगा.'1962 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है कि सरकार की ओर से किए गए उपायों को लेकर कड़े शब्‍दों में असहमति जताना राजद्रोह नहीं है. 

अब सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा मांगी, कहा- 'सबके लिए एक नियम हो' : सूत्र

Advertisement

गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछले साल 20 जुलाई को मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से दुआ को दी गई सुरक्षा को अगले आदेश तक बढ़ा दिया था. अदालत ने इससे पहले पहले कहा था कि दुआ को मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे गए किसी अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देने की आवश्यकता नहीं हैभाजपा नेता श्याम ने शिमला जिले के कुमारसैन थाने में पिछले साल छल मई को राजद्रोह, सार्वजनिक उपद्रव मचाने, मानहानिकारक सामग्री छापने आदि के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी और पत्रकार को जांच में शामिल होने को कहा गया था.श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर कुछ आरोप लगाए थे. (भाषा से भी इनपुट)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Iran Israel War: ईरान-इजरायल में हड़कंप के पीछे Master Mind है Donald Trump?
Topics mentioned in this article