महाराष्ट्र (Maharashtra) में बागी रुख अपनाने वाले नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके साथ बागी हुए शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों संजय राउत (Sanjay Raut) ने तीखा हमला बोला है. संजय राउत ने कहा, कुछ विधायक पार्टी छोड़कर भाग गये हैं और खुद को शेर समझते हैं. लेकिन शेर तो हमने कल रात देखा था जब उद्धव ठाकरे मातोश्री गये. राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे और उनकी टीम के लोग प्रवर्तन निदेशालय से डरकर शिवसेना की सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ठाकरे सरकार के विभिन्न मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक जांच कर रही है. दो मंत्री जेल जा चुके हैं, जल्द ही एजेंसी तीसरी गिरफ्तारी कर सकती है.
राउत ने कहा कि "मैं बालासाहेब ठाकरे का समर्थन करता हूं और मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करता हूं," मुझे प्रवर्तन निदेशालय का डर नहीं है. राउत ने कहा कि वह बाल ठाकरे की विचारधारा और सिद्धांतों के सच्चे अनुयायी हैं. राउत ने कहा कि विद्रोही विधायकों की पार्टी के दिवंगत संस्थापक बालासाबेह ठाकरे के प्रति सच्ची आस्था नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. उन्होंने दावा किया कि करीब 20 विधायक उनके संपर्क में हैं, जब वो मुंबई आएंगे तो सभी को पता चल जाएगा.
वहीं शिंदे के पास शिवसेना के 55 विधायकों में 37 विधायक पहुंच गये हैं. इसके साथ ही 7 निर्दलीय विधायकों का भी शिंदे को समर्थन प्राप्त है. ऐसे में शिवसेना के अधिक विधायक होने के बाद अब शिंदे यह दावा कर सकते हैं कि असली शिवसेवा वही हैं. क्योंकि उसके पास दलबदल विरोधी कानून के तहत आवश्यक 2/3 ताकत है. वहीं बागी विधायकों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर एकनाथ शिंदे को अपना नेता घोषित किया है. इस खेमे के समर्थन से, भाजपा एक बार फिर राज्य में सत्ता में वापस आ सकती है. हालींकि बाजेपी अभी तक इस मामले में खुलकर कुछ बोल नहीं रही है और शिवसेना के अंदर चल रहे संकट से पल्ला झाड़ रही है. वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में नामित करने का सुझाव दिया है.
ये भी पढ़ें: एक्शन में दिल्ली के LG, एक डिप्टी सेक्रेटरी और दो एसडीएम निलंबित
जांच एजेंसियों से डर गये हैं शिंदे
संजय राउत ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के तहत प्रवर्तन निदेशालय का शिवसेना विधायकों पर दबाव बनाने के लिए दुरुपयोग किया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पिता के प्रति निष्ठा का वचन देते हुए कहा, "जो ईडी के दबाव में पार्टी छोड़ता है, उसकी बालासाहेब के प्रति सच्चे निष्ठा नहीं है. राउत ने आगे कहा, "यहां तक कि हम पर भी ईडी का दबाव है लेकिन हम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे. जब फ्लोर टेस्ट होगा तो सभी देखेंगे कि कौन सकारात्मक है और कौन नकारात्मक है."
"महाराष्ट्र संकट : विधायक क्यों गए, इसका खुलासा जल्द' - बोले संजय राउत