- शिमला की संजौली मस्जिद को अदालत ने अवैध घोषित कर गिराने का आदेश दिया है लेकिन विवाद जारी है.
- हिंदू संघर्ष समिति ने अनशन के दसवें दिन शस्त्र पूजन कर सनातन जागरण का संदेश फैलाने का दावा किया है.
- हिंदू नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे अवैध गतिविधियों को संरक्षण देने से बचें और छल न करें.
Sanjauli Mosque Dispute: शिमला के संजौली मस्जिद को लेकर जारी विवाद बढ़ता जा रहा है. इस अवैध मस्जिद विवाद के बीच हिंदू संघर्ष समिति ने आज गुरुवार को शस्त्र पूजन का आयोजन किया. यह पूजन अनशन के दसवें दिन में प्रवेश करने पर किया गया. हिंदू पक्ष ने शस्त्र पूजन का उद्देश्य सनातन जागरण के संदेश को फैलाना बताया. लेकिन यह प्रशासन को खुली चेतावनी माना जा रहा है. हिंदू संघर्ष समिति के नेता विजय शर्मा और मदन ठाकुर ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे छल करने की कोशिश न करें. समिति का आरोप है कि सरकार अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संरक्षण देने का काम कर रही है.
29 नवंबर को होनी है बैठक
समिति को 29 नवंबर की प्रस्तावित बैठक से सकारात्मक उम्मीद है, लेकिन सनातन समाज शस्त्र उठाने से पीछे नहीं हटेगा. विजय शर्मा ने मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपील की है कि वे शुक्रवार को संजौली मस्जिद में नमाज़ नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा है कि वे उकसाने का काम न करें और शांति बनाए रखें.
हिंदू नेता बोले- घर में हथियार रखना शुरू करें लोग
वहीं, हिंदू नेता मदन ठाकुर ने कहा है कि लोग अपने घर में बचाव के लिए हथियार रखना शुरू करें. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग माताओं-बहनों को छेड़ते हैं और बातचीत के बाद भी प्रशासन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ा रहा है.
29 की बैठक में सकारात्मक फैसला नहीं हुआ तो तेज होगा आंदोलन
मदन ठाकुर ने कहा कि 29 नवंबर की बैठक में अगर सकारात्मक परिणाम नहीं मिले, तो आंदोलन और भी ज़्यादा तेज होगा. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग कर रहा है. मदन ठाकुर ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे संजौली मस्जिद के अलावा अपने घर या अन्य मस्जिद में नमाज़ करें.
संजौली के 5 मंजिले मस्जिद को अवैध बता चुकी अदालत
गौरतलब है कि संजौली में 5 मंजिला मस्जिद को पहले शिमला कमिश्नर की कोर्ट ने और फिर शिमला जिला अदालत ने अवैध घोषित किया है और गिराने का आदेश दिया है. लेकिन हिन्दू संगठन मस्जिद का बिजली, पानी काटने व मस्जिद में नमाज पढ़ने का विरोध कर रहा है.
लेकिन प्रशासन के रवैये के चलते 10वें दिन हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति के लोग अनशन पर रहे. अब कल शुक्रवार को हिन्दू संगठनों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी हैं कि यहां कल कोई गतिविधि हुई और माहौल बिगड़ा तो प्रशासन जिम्मेदार होगा.
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