संजौली मस्जिद के 3 अवैध मंजिलों को तोड़ने का काम आज से शुरू, जानें क्या है पूरा मामला

संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि शिमला में हिन्दू, मुस्लिम भाईचारा बना रहे इसलिए हमने खुद नगर निगम कमिश्नर को लिखकर दिया कि हमें मस्जिद को तोड़ने की अनुमति दी जाए.

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(फाइल फोटो)
शिमला:

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में विवादित अवैध मस्जिद को तोड़ने का काम सोमवार से शुरू हो गया है. इस मस्जिद के 5 में से 3 मंजिल को तोड़ने के शिमला नगर निगम कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को आदेश जारी किए थे. इसके बाद संजौली मस्जिद कमेटी के वक्फ बोर्ड से मस्जिद तोड़ने की अनुमति ली गई थी और आज मस्जिद को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है. 

मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने कही ये बात

संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि शिमला में हिन्दू, मुस्लिम भाईचारा बना रहे इसलिए हमने खुद नगर निगम कमिश्नर को लिखकर दिया कि हमें मस्जिद को तोड़ने की अनुमति दी जाए. इस पर नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने आदेश दिए उसके बाद हमने हिमाचल वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी और आज इसकी 3 अवैध मंजिल को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है. 

2010 से चल रहा था संजौली मस्जिद विवाद

गौरतलब हैं कि शिमला के संजौली मस्जिद का विवाद 2010 से चल रहा है. शिमला के नगर निगम से कई बार नोटिस भी हुए. 45 से ज्यादा मामले में पेशी हुई लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ा जब कुछ मुस्लिम समुदाय के युवकों ने हिंदू समुदाय के युवक की पिटाई की और मुस्लिम युवक मस्जिद में छुप गए. इसके बाद हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए वॉटर कैनन व लाठीचार्ज हुए. इसके बाद 5 अक्टूबर के दिन सुनवाई के बाद नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने आदेश दिए और 21 दिसम्बर तक का वक्त इसकी 3 मंजिल तोड़ने के लिए दिया गया. 

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कई मुस्लिम संगठन इसके लिए ऊपरी अदालत में जाने की भी कर रहे बात

हालांकि, कई मुस्लिम संगठन इसको लेकर ऊपरी अदालत में जाने की बात कह रहे हैं लेकिन संजौली मस्जिद कमेटी कह रही है जो हमने अवैध को तोड़ने का फैसला लिया है हम उस पर कायम हैं.

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विक्रामदित्य सिंह ने कही ये बात

संजौली मस्जिद तोड़ने पर शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मस्जिद के अवैध हिस्से को कानूनी प्रक्रिया के तहत तोड़ा जा रहा है. ऐसे में यदि मस्जिद कमेटी को फंड को लेकर या फिर इसे गिराने को लेकर कोई दिक्कत है तो कोर्ट को पत्र लिखें. हिमाचल जैसे शांति प्रिय राज्य की शांति बनाए रखने के लिए यह एक बेहतर पहल है. 

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