संदेशखाली मामला: बंगाल सरकार ने SC में कहा- "CBI को जांच सौंपना संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ"

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप हैं.

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SC ने बंगाल सरकार से पूछा- आरोपी के खिलाफ 42 FIR कितने समय में हुईं...?
नई दिल्‍ली:

संदेशखाली मामला में पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल किया कि शाहजहां शेख को 50 दिन तक क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार शाम 4.30 तक शाहजहां शेख की कस्टडी सीबीआई को सौंपने को कहा था. बंगाल सरकार की सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई करने तक समय देने की मांग हाईकोर्ट ने ठुकरा दी थी. 

हाई कोर्ट ने कल के आदेश पर आज शाम 4.30 बजे तक पालन करने के लिए कहा था. कोर्ट ने सीआईडी को अवमानना मामले में नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. 

पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट में कहा, "अदालत ने जांच पर रोक लगा दी थी. हम उसे गिरफ्तार नहीं कर पाए. 29 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जब एक बार यह स्पष्ट हो गया कि हम गिरफ्तारी कर सकते हैं.  

जस्टिस संदीप मेहता ने बंगाल सरकार से पूछा- आरोपी के खिलाफ 42 FIR कितने समय में हुईं...? पश्चिम बंगाल सरकार ने SC को बताया, "हमारे लिए समय सीमा बहुत कम थी. याचिकाकर्ता राज्य पश्चिम बंगाल के पास अपील करने का समय नहीं था. कोई भी अदालत अपील करने के अधिकार को ख़त्म नहीं कर सकती
हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ प्रतिकूल अनुमान पूरी तरह गलत हैं. हाईकोर्ट दोनों पक्षों की विस्तृत सुनवाई के बिना सुनवाई में चला गया. सीबीआई को जांच सौंपना संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है.

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