जम्‍मू में पाकिस्‍तान ड्रोनों का काल बना 'समर', दमदार देसी हथियार

समर मिसाइल सिस्‍टम का काम भारत की ओर आसमान से आने वाले दुश्‍मनों को हवा में ही ढेर कर देना है. यह एक छोटी मिसाइल है, जिससे हेलीकॉप्‍टरों, ड्रोन, लड़ाकू विमानों तक को निशाना बनाया जा सकता है. 

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समर मिसाइल को कैसे बनाया गया..?

नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान ने कभी सोचा नहीं होगा कि उसका एक भी वार निशाने पर नहीं लगेगा. भारत की रक्षा छतरी ने ऐसा कवच बनाया कि उसे पाकिस्‍तान का कोई हथियार भेद नहीं पाया. फिर चाहे वो कोई मिसाइल हो या फिर फाइटर प्‍लेन. भारत के एयर डिफेंस सिस्‍टम में ऐसी-ऐसी मिसाइल मौजूद हैं, जिनका वार कभी खाली नहीं जाता, ये पाकिस्‍तान ने बीती रात ये देख भी लिया. पाकिस्‍तान के हमलों को नाकाम करने में एस-400 और आकाश ने एंटी मिसाइल सिस्‍टम ने काबिले तारीफ काम किया है. कई मिसाइलों और पाकिस्‍तान के लड़ाकू विमान को हवा में ही ध्‍वस्‍त कर दिया. वायुसेना ने इनके अलावा एक और एंटी मिसाइल सिस्‍टम का इस्‍तेमाल किया, जिसका नाम है समर (Surface to Air Missile for Assured Retaliation) मिसाइल . 

समर एक छोटी, लेकिन बेहद पावरफुल मिसाइल है, जो मिसाइलों, ड्रोनों, हेलीकॉप्‍टरों और लड़ाकू विमानों को हवा में ही नष्‍ट करने की क्षमता रखता है. आइए आपको बताते हैं, क्‍या है समर एंटी मिसाइल सिस्‍टम और इसे कैसे बनाया गया. 
   

कैसे बना समर? 

समर मिसाइल को कैसे बनाया गया..? आपको ये जानकार बड़ी हैरानी होगी कि इंडियन एयरफोर्स ने पुरानी रूसी मिसाइलों को रीसाइकिल करके समर मिसाइल सिस्‍टम को  बनाया है. यह सिस्टम बेहद सस्ता, तेज और स्‍वदेशी है. भारत से तनाव  के बीच समर मिसाइल सिस्‍टम पाकिस्‍तान के ड्रोन के लिए काल बन गया है. भारत ने पाकिस्‍तान के 50 से ज्‍यादा ड्रोन को बीती रात ढेर कर दिया. रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी है. 

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SAMAR की खासियत

समर मिसाइल सिस्‍टम का काम भारत की ओर आसमान से आने वाले दुश्‍मनों को हवा में ही ढेर कर देना है. यह एक छोटी मिसाइल है, जिससे हेलीकॉप्‍टरों, ड्रोन, लड़ाकू विमानों तक को निशाना बनाया जा सकता है. 
छोटा लेकिन बेहद पॉवरफुल हथियार होने के कारण इसे, भारतीय वायुसेना का सुपर स्‍टार भी कहा जाता है. 
ये छोटी दूरी की मिसासइल पलक झपकते ही दुश्‍मन के वार को मिट्टी में मिला देता है.  
समर को ट्रक पर लादकर कहीं भी ले जाया जा सकता है.

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समर के हैं 2 वर्जन

समर मिसाइल के दो वर्जन हैं, जिनमें एक का वजन लगभग 105 किलो है. इसकी लंबाई करीब 10 फीट होती है और यह  12-40 किमी तक मार कर सकती है. वहीं समर-2 का वजन लगभग 253 किलो तक हो सकता है. वजन ज्‍यादा होने की वजह से इसकी लंबाई 13.4 फीट होती है. इसकी मारक क्षतमा 12-40 किमी तक है. यह फाइटर जेट्स तक को धूल चटाने की क्षमता रखती है. 

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