बेटी से जुड़ा वैवाहिक विवाद मामला: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को SC से मिली राहत

दीपक कुमार ने आरोप लगाया है कि संघमित्रा ने 2019 के संसदीय चुनाव से पहले बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ उसके साथ दूसरी शादी की थी और चुनाव के बाद उसे इस बारे में लोगों को बताने का आश्वासन दिया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को बेटी से जुड़े वैवाहिक विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है और सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है. जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर नोटिस भी जारी किया है. मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कथित रूप से अपनी बेटी संघमित्रा के बिना तलाक दूसरी शादी कराने, मारपीट व गालीगलौज के साथ जानमाल की धमकी व साजिश रचने का आरोप है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्वामी प्रसाद मौर्या को राहत देने से इन्कार कर दिया था.

क्या है पूरा मामला

आरोप है कि परिवादी दीपक कुमार और संघमित्रा वर्ष 2016 से लिव-इन रिलेशन में रह रहे थे. संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने परिवादी को बताया कि संघमित्रा की पूर्व शादी से तलाक हो गया है. लिहाजा परिवादी ने तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा से शादी कर लिया. संघमित्रा ने 2019 के चुनाव में शपथपत्र देकर खुद को अविवाहित बताया, जबकि बाद में वादी को पता चला कि संघमित्रा का मई 2021 में तलाक हुआ था.

दीपक कुमार ने आरोप लगाया है कि संघमित्रा ने 2019 के संसदीय चुनाव से पहले बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ उसके साथ दूसरी शादी की थी और चुनाव के बाद उसे इस बारे में लोगों को बताने का आश्वासन दिया था. दीपक ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘‘लेकिन चुनाव के बाद वह सांसद बन गईं और तब से उन्होंने और उनके पिता ने पुलिस और गुंडों की मदद से उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया है.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Etawah Kathavachak: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मनुस्मृति को संविधान से बड़ा क्यों बताया?
Topics mentioned in this article