INDIA अलायंस को एक और झटका? सपा ने यूपी में 16 लोकसभा सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है. सपा ने कांग्रेस और RLD को 11 और 7 सीटें देने का ऐलान किया था. इसके बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट सामने आयी है. RLD और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अभी गठबंधन में सीटों के ऐलान को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है.

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लखनऊ:

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एकजुट हुआ विपक्ष चुनाव से पहले ही बिखरता जा रहा है. ममता बनर्जी, भगवंत मान और नीतीश कुमार के बाद अखिलेश यादव ने भी बड़ा फैसला लिया. INDIA अलायंस के प्रमुख दल कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की बातचीत के बीच समाजवादी पार्टी ने यूपी की 16 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से टिकट दिया गया है. डिंपल मैनपुरी से मौजूदा सांसद हैं. जबकि धर्मेंद्र यादव बदायूं से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने संभल से शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दिया है. वह भी इसी सीट से सांसद हैं.

समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है. सपा ने कांग्रेस और RLD को 11 और 7 सीटें देने का ऐलान किया था. इसके बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट सामने आयी है. RLD और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अभी गठबंधन में सीटों के ऐलान को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है.

इन नेताओं को मिला टिकट
समाजवादी पार्टी ने शफीकुर्रहमान बर्क (संभल), अक्षय यादव (फिरोजाबाद), डिंपल यादव (मैनपुरी), देवेश शाक्य (एटा), धर्मेंद्र यादव (बदायूं), उत्कर्ष वर्मा (खीरी), आनंद भदौरिया (धौरहरा), अनु टंडन (उन्नाव), रविदास मेहरोत्रा (लखनऊ), डॉ. नवल किशोर शाक्य (फर्रुखाबाद), राजाराम पाल(अकबरपुर), शिवशंकर सिंह पटेल (बांदा), अवधेश प्रसाद (फैजाबाद), लालजी वर्मा (अम्बेडकर नगर), रामप्रसाद चौधरी (बस्ती) और काजल निषाद (गोरखपुर) से टिकट दिया है.

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लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे के मामले में कांग्रेस को बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में AAP के भगवंत मान से पहले ही झटका मिल चुका है. वहीं, बिहार में तो नीतीश कुमार पाला बदलकर BJP के नेतृत्व वाले NDA में शामिल हो गए. इससे पूरा विपक्ष सदमे में है.

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सपा को सीटें देने से किया था इनकार
सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मतभेद मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ही देखने को मिले थे. 17 नवंबर 2023 को हुए मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने 6 सीटों के लिए अखिलेश यादव के साथ समझौते का सम्मान करने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया के सामने आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर दी थी. उन्होंने सपा को सीट देने से इनकार करते हुए कहा था कि वो ''किसी भी अखिलेश-वकिलेश को नहीं जानते''. समाजवादी खेमे में इसे लेकर गहरी नाराजगी फैल गई थी. अखिलेश यादव ने तब साफ कह दिया था कि भविष्य में इसे लेकर मुश्किल हो सकती है.

आज 16 उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी 'यूपी में गठबंधन पर अपने तरीके से फैसला लेगी.' अखिलेश यादव ने यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से 11 सीटें कांग्रेस को देने की पेशकश की है. बता दें कि 2019 में, कोई गठबंधन नहीं होने के कारण समाजवादी पार्टी ने शिष्टाचार के नाते अमेठी और रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ा था.

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ममता ने भी सीट शेयरिंग से किया था इनकार
वहीं, इससे पहले TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से 2 सीटें कांग्रेस के साथ साझा करने से इनकार कर दिया था. कांग्रेस इससे ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी. इसके बाद ममता ने ऐलान किया कि TMC बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी. हालांकि, ममता ने कहा कि वह INDIA अलायंस के साथ जुड़ी रहेंगी. ममता ने कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी. अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए इसी तरह की बात पहले कह चुके हैं.

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पंजाब में CM भगवंत मान ने कांग्रेस को सीटें देने से किया इनकार
इससे पहले पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक बार फिर पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. उनके शब्द थे- पंजाब हीरो, AAP को 13-0. यानी पंजाब में आम आदमी पार्टी 13-0 से इस लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करेगी. मान पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं.

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2019 के चुनावों में यूपी में बीजेपी को मिली 62 सीटें
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में बंपर सीटें जीती थीं. बीजेपी को 80 सीटों में से 62 सीटों पर जीत हासिल हुई. समाजवादी पार्टी के खाते में महज 5 सीटें आईं. इसके अलावा बसपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, कांग्रेस को महज एक सीट (रायबरेली) मिली थी, जबकि दो सीटों पर अपना दल ने जीत हासिल की थी.

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