सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामला : पुलिस ने आधार कार्ड की मदद से आरोपियों को पकड़ा

14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के घर के बाहर दोनों शूटरों ने फायरिंग की थी. इस दौरान उन्होंने अपना चेहरा छिपा रखा था ताकि सीसीटीवी में उनका चेहरा न दिखे. हालांकि, उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल को माउंट मेरी चर्च के पास छोड़ दिया था.

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फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सलमान खान (Salman Khan) के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस (Mumbai Police) ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस कार्रवाई में पुलिस को दोनों के आधारकार्ड के काफी मदद मिली और इसी के जरिए पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ा. बता दें कि 14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के घर (Salman Khan Galaxy Apartment Firing) के बाहर दोनों शूटरों ने फायरिंग की थी. इस दौरान उन्होंने अपना चेहरा छिपा रखा था ताकि सीसीटीवी में उनका चेहरा न दिखे. हालांकि, उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल को माउंट मेरी चर्च के पास छोड़ दिया था और इसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी उन्होंने नहीं बदला था. 

आधारकार्ड से की पुलिस ने आरोपियों की पहचान

साथ ही उन्होंने अपना हेलमेट उतार कर टोपी पहनी थी, जिसकी वजह से पास के सीसीटीवी में दोनों के चेहरे कैद हो गए. मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से पुलिस पनवेल में मोटरसाइकिल के पुराने मालिक, डीलर और फिर दोनों आरोपियों के किराए के घर तक जा पहुंची जहां रेंट एग्रीमेंट में दोनों की सारी डिटेल थी. ऐसा इसिलए क्योंकि आरोपियों ने रेंट एग्रीमेंट में अपना असली आधारकार्ड ही दिया था. 

मोबाइल फोन भी रखा था साथ

इसके अलावा उन्होंने मोबाइल फोन भी साथ रखा था. ऐसे में सीसीटीवी और मोबाइल फोन की डिटेल की मदद से पुलिस को एक नंबर का पता चला जिससे कई बार फोन हुए थे. उस नंबर की मदद से पुलिस का काम आसान हो गया और नंबर की लॉकेशन को फॉलो करते हुए पुलिस ने 36 घंटों के अंदर दोनों को दबोच लिया. 

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विमान से मुंबई लाए गए आरोपी

मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद मंगलवार सुबह एक विमान से यहां लाया गया. अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी चिकित्सा जांच कराने के बाद अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 25 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.'' उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) को जोड़ा गया है. अधिकारी के अनुसार बांद्रा पुलिस से मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने के बाद हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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