"सुरक्षित गलियारा अब तक नहीं बन सका": यूक्रेन के सुमी में फंसे छात्रों पर UNSC में बोला भारत

तिरुमूर्ति ने कहा, "भारत को इस बात की गहरी चिंता है कि रूस और यूक्रेन दोनों से हमारे बार-बार आग्रह के बावजूद सूमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है."

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तिरुमूर्ति ने UNSC को बताया कि भारत ने यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी कराई है.
नई दिल्ली:

रूस के हमले (Russia Invades Ukraine) के बाद यूक्रेन में बिगड़ते हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चिंता जताते हुए भारत ने मंगलवार को कहा कि आगामी मानवीय संकट पर तत्काल और त्वरित ध्यान देने की जरूरत है. यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने युद्धग्रस्त देश में फंसे भारतीय नागरिकों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की तत्काल मांग दोहराई.

तिरुमूर्ति ने कहा, "भारत को इस बात की गहरी चिंता है कि रूस और यूक्रेन दोनों से हमारे बार-बार आग्रह के बावजूद सूमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है."

उन्होंने कहा कि भारत सभी शत्रुताओं को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है. उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि मानवीय कार्रवाई हमेशा तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा ही निर्देशित होती है."

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तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि भारत यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान करने में सफल रहा है. उन्होंने कहा, "हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की है, जिन्होंने अपने-अपने देशों में लौटने में हमसे संपर्क किया और हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे." उन्होंने कहा कि 80 से अधिक फ्लाइट्स वलहां फंसे लोगों को निकालने के लिए आसमान में घूम रही हैं."

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