राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर शीतलहर एवं पाला पड़ने से सरसों की फसल सहित अन्य खड़ी फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने का आग्रह किया. पायलट ने अपने पत्र में 17-18 जनवरी को हनुमानगढ़ जिले के अपने दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों एवं किसानों ने शीतलहर और पाले की वजह से सरसों की फसल को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में विगत दिनों से पाला एवं शीतलहर जारी है जिससे कई जिलों में किसानों की खडी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
पायलट ने पत्र में मुख्यमंत्री से शीतलहर एवं पाला पड़ने से सरसों की फसल सहित अन्य खड़ी फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराकर प्रभावित किसानों को अधिकाधिक मुआवजा दिलवाने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि पायलट ने बुधवार को एक्जाम पेपर लीक मामले में बुधवार को अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा था. झुंझनू में एक किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बजाय रिटायर नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी सरकार को आड़े हाथ लिया था.
पायलट ने कहा था, ‘‘अब ये कहा जा रहा है कि पेपर लीक प्रकरण में कोई अधिकारी, नेता लिप्त नहीं था ... तो परीक्षा की कॉपी जो तिजोरी में बंद होती है वह बंद तिजोरी से बाहर बच्चों तक पहुंच गई. यह तो जादूगरी हो गई भई ... ऐसा कैसे हो सकता है. ऐसा संभव नहीं है.''इसके साथ ही पायलट ने कहा, ‘‘कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा ...और जांच चल रही है इसकी मुझे खुशी है, मैं स्वागत करता हूं इस जांच का. मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारी पार्टी, हमारे नेता राहुल गांधी व अन्य ने, हमने हमेशा युवाओं की मदद करने का काम किया है.''सेवानिवृत्त नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों पर उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी शाम को सेवानिवृत्त होता है और आधी रात को उसे अन्य राजनीतिक पद पर नियुक्त कर दिया जाता है.
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