लोकसभा में चीन के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि एलएसी पर हालात अब सामान्य हैं. उन्होंने कहा कि हालात सुधारने के लिए दोनों ही देश प्रतिबद्ध हैं. विदेश मंत्री ने एलएसी पर शांति कायम करने का श्रेय सेना को दिया. विदेश मंत्री ने कहा कि शांति की बहाली के लिए कई दौर की बातचीत दोनों ही देशों की सेना में हुई. उन्होंने कहा कि चीन के साथ इस दिशा में हम काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सीमा मुद्दे पर समाधान के लिए निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचें.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य थे, जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बाधित हुई. पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 में चीन के सैनिकों के जमा होने से कई बिंदुओं पर टकराव की स्थिति बनी थी. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि गलवान वैली में जून 2020 में हुए तनाव के बाद चीन और भारत में काफी तनाव हो गया था. इसके बाद दोनों देशों की तरफ से सेना की तैनाती की गयी थी.
कूटनीति के जरिए सामान्य हुए हैं हालात
विदेश मंत्री ने संसद में कहा कि निरंतर कूटनीति के जरिए दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार किया है. उन्होंने कहा कि पहले की घटना के परिणामस्वरूप चीन ने अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया था.
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