"शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो कहते हैं, वह झूठ है..." : RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने साथ ही कहा कि हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है. संत रोहिदास और बाबासाहेब ने समाज में सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम किया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
देश की जाति व्यवस्था पर खुलकर बोले आरएसएस प्रमुख
मुंबई:

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था पर खुलकर अपनी राय जाहिर की. आरएसएस प्रमुख ने मुंबई में संत रोहिदास जयंती समारोह में बोलते हुए जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराया. भागवत ने कहा भगवान ने हमेशा कहा है कि मेरे लिए सभी एक हैं उनमें कोई जाति-वर्ण नही है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई.. जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? उन्होंने कहा, "सत्य ही ईश्वर है... नाम, योग्यता और सम्मान कुछ भी हो, सब एक समान हैं और कोई भेद नहीं है... शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो कहते हैं, वह झूठ है..."

आरएसएस प्रमुख ने साथ ही कहा कि हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है. संत रोहिदास और बाबासाहेब ने समाज मे सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम किया. देश और समाज के विकास के लिए जिन्होंने मार्ग दिखाया वो संत रोहिदास थे, क्योंकि समाज को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जो परंपरा की ज़रूरत थी, वह इन्होंने दी है. देश के लोगों ने अपने मन को ही पसोपेश में डाला. इसके लिए कोई और ज़िम्मेदार नही. समाज में जब अपनापन खत्म हो जाता है तभी स्वार्थ बड़ा हो जाता है.

हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया. इसी का फायदा उठाकर हमारे देश मे आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया. भागवत ने कहा कि संत रोहिदास तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे. इसलिए संत शिरोमणि थे. शास्त्रर्थ में वो ब्राह्मणों से भले नही जीत सके. लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिलाया कि भगवान है. देश में हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है. ये बात आपको कोई पंडित नही बता सकता आपको खुद समझना होगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट को आज मिलेंगे 5 नए जज, बढ़कर 32 हो जाएगी जजों की संख्‍या

Advertisement

ये भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से BRO के दो मजदूरों की मौत, एक लापता

Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बागियों ने बढ़ाई टेंशन! किसने कितने बागी मनाए? | Election 2024