राज्यसभा में मंगलवार को एक बिल पारित किए जाने से पहले 200 से अधिक बार ध्वनिमत लिया गया. यह इस कानून बनाने में शामिल प्रक्रियागत जटिलता को रेखांकित करता है. चार्टर्ड अकाउंटेंट, कास्ट अकाउंटेंट और कंपनी सचिवों के संस्थानों के कामकाज में सुधार के लिए लाए गए एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंगलवार को संसद की मंजूरी मिल गई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि इन सुधारों से तीनों संस्थानों की स्वायत्तता प्रभावित नहीं होगी. चार्टर्ड अकाउंटेंट, लागत एंड संकर्म लेखापाल और कंपनी सचिव संशोधन विधेयक-2021 को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा में यह विधेयक पिछले सप्ताह ही पारित हो चुका है.
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक में कोई भी ऐसा प्रावधान नहीं है, जिससे भारतीय चार्टड अकाउंटेंट संस्थान, भारतीय कॉस्ट और वर्क एकाउंटेंट संस्थान और भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान की स्वायत्तता का कोई उल्लंघन हो रहा हो. विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार का उक्त तीनों संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप करने या इन्हें कमतर करने का कोई इरादा नहीं है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है.
उन्होंने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत एवं संकर्म लेखापाल तथा कंपनी सचिव से संबंधित संस्थान अलग-अलग काम करते हैं.उन्होंने कहा कि इन तीनों संस्थानों के संचालन के संबंध में एक विधान लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और वे पृथक कानूनों के तहत कामकाज करते रहेंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि ये संस्थान पहले की तरह काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका सहित दुनिया के कई देशों में इस क्षेत्र में अच्छे काम हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम इन अच्छे अनुभवों की तर्ज पर पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाना चाहते हैं. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ‘चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत एवं संकर्म लेखापाल और कम्पनी सचिव (संशोधन) विधेयक, 2021' को मंजूरी दे दी. (भाषा से भी इनपुट)
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