तब हिसाब मीटर में होता था, आज किलोमीटर में हो रहा : रोज़गार मेले में बोले PM नरेंद्र मोदी

मोदी सरकार का 'रोजगार मेला' रोजगार सृजन में उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर रहा है और युवाओं को उनके सशक्तीकरण और राष्ट्रीय विकास में भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करता है.

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स्टार्टअप ने 40 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जॉब क्रिएट की - PM मोदी

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान ‘रोजगार मेला' के तहत आज करीब 71,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी मिली है. आप सभी युवाओं को... आपके परिजनों को बहुत-बहुत बधाई. विकसित भारत की संकल्प से सिद्धि के लिए हमारी सरकार युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है. आज का नया भारत जिस नई नीति और रणनीति पर चल रहा है उसने देश में नई संभावनाओं और अवसरों के द्वार खोल दिए हैं.

स्टार्टअप ने 40 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जॉब क्रिएट की
PM मोदी ने युवाओं को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, "आज भारत दुनिया की सबसे तेज रफ़्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है, ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है... बावजूद इसके दुनिया भारत को एक ब्राइट स्‍पॉट (Bright Spot) के रूप में देख रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्टअप ने 40 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जॉब क्रिएट की हैं. इसी प्रकार से ड्रोन सेक्टर भी है. वहीं, बीते 8-9 सालों में देश के स्पोर्ट्स सेक्टर का भी कायाकल्प हो गया है."

भारत में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने वाला अभियान
उन्‍होंने कहा कि आज युवाओं के सामने कई ऐसे सेक्टर खुल गए हैं जो 10 साल पहले युवाओं के सामने उपलब्ध ही नहीं थे. स्टार्टअप का उदहारण हमारे सामने है. स्टार्टअप को लेकर आज भारत के युवाओं में जबरदस्त उत्साह है. आज आधुनिक सैटेलाइट से लेकर सेमी हाई स्पीड ट्रेन तक भारत में ही निर्मित हो रहे हैं. 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की सोच और अप्रोच केवल स्वदेशी अपनाने और 'वोकल फॉर लोकल' से कहीं ज्यादा है. यह सीमित दायरे वाला मामला नहीं है. 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' गांव से लेकर शहरों तक, भारत में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने वाला अभियान है. हमने आयात होने वाले खिलौने के लिए क्वालिटी पैरामीटर तय किए और अपनी स्वदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना शुरू किया. 3-4 वर्ष में ही टॉय इंडस्ट्री का कायाकल्प हो गया और रोजगार के अनेकों नए अवसर तैयार हुए. भारत की टॉय इंडस्ट्री का उदहारण आपके सामने है. दशकों तक भारतीय बच्चे विदेशों से इम्पोर्ट किए खिलौने से ही खेलते रहे. न तो उनकी क्वालिटी अच्छी थी और ना ही वो भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर बनाये जाते थे.

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रक्षा उपकरणों को लेकर अप्रोच को बदला
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने 300 से ज्यादा ऐसे साजो-सामान और हथियारों की लिस्ट तैयार की है, जो अब भारत में ही बनाये जाएंगे और भारत की इंडस्ट्री से ही खरीदे जाएंगे. हमारे देश में दशकों तक यह अप्रोच भी हावी रही कि रक्षा उपकरण (Defense Equipment) केवल आयात किए जा सकते हैं, बाहर से ही लाए जा सकते हैं. हम अपने देश के निर्माताओं पर उतना भरोसा नहीं करते थे. हमारी सरकार के दौरान बीते 8-9 वर्षों में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में 4 गुना की वृद्धि हुई है. इससे रोजगार के नए अवसर और लोगों की आय... दोनों में वृद्धि हुई है। रोजगार सृजन (Employment Generation) का एक और पक्ष है और वो है ढांचागत प्रोजेक्‍ट में सरकार द्वारा किया गया निवेश. जब सरकार पूंजीगत व्‍यय (Capital Expenditure) पर खर्च करती है, तो बड़े पैमाने पर रोड, रेलवे, पोर्ट... बहुत सी चीजें तैयार हो जाती हैं.

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PM मोदी का कांग्रेस पर तंज- तब हिसाब मीटर में होता था और आज किलोमीटर में हो रहा
पीएम मोदी ने भारत में हो रहे विकास से नजर आ रहे परिणामों की चर्चा करते हुए कहा, "आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब गांव में सड़क पहुंचती है, तो उसका क्या प्रभाव होता है. इससे पूरे इको-सिस्टम में तेजी से रोजगार का सृजन होने लगता है. 2014 में देश में 70 से भी कम जिलों में गैस नेटवर्क का विस्तार हुआ था और आज यह संख्या बढ़कर 630 पहुंच गई है. 2014 तक ग्रामीण इलाकों में सड़कों की लंबाई भी 4 लाख किलोमीटर से कम थी, लेकिन आज ये आंकड़ा बढ़कर सवा 7 लाख किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है. 2014 से पहले एक महीने में सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बनाई जाती थी, आज हम हर महीने लगभग 6 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन बना रहे हैं. तब हिसाब मीटर में होता था और आज किलोमीटर में हो रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर का हर प्रोजेक्ट रोजगार और स्वरोजगार में बढ़ोतरी सुनिश्चित कर रहा है. देश का हेल्थ सेक्टर भी रोजगार पैदा करने का बेहतरीन उदहारण बन रहा है. 2014 में भारत में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे, जबकि आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं. आज पहले के मुकाबले दोगुनी संख्या में डॉक्टर तैयार हो रहे हैं. 

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बता दें कि इस कार्यक्रम में गुवाहाटी में 207, दीमापुर में 217 और सिलीगुड़ी में 225 उम्मीदवारों को विभिन्न सरकारी विभागों से नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे. देशभर से चुने गए नए कर्मचारी भारत सरकार के तहत विभिन्न पदों/पदों जैसे - ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, सीनियर कमर्शियल कम टिकट क्लर्क, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, जूनियर अकाउंटेंट, पोस्टल असिस्टेंट, में शामिल होंगे. आयकर निरीक्षक, कर सहायक, वरिष्ठ ड्राफ्ट्समैन, जेई/पर्यवेक्षक, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, लाइब्रेरियन, नर्स, परिवीक्षाधीन अधिकारी, पीए, एमटीएस पदों पर भी भर्ती होगी. 

भर्ती हो रहे कर्मियों को कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा. कर्मयोगी प्रारम्‍भ मॉडयूल विभिन्‍न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्‍त कर्मियों के लिए ऑनलाइन आरम्भिक पाठ्यक्रम है. इसमें सरकारी सेवकों के लिए आचार-संहिता, कार्यस्‍थल पर नैतिकता, सत्‍यनिष्‍ठा और मानव संसाधन नीतियां शामिल हैं.

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