रोटोमैक ग्लोबल केस में 380 करोड़ की संपत्तियां ED ने रिलीज कराईं, बैंकों-पीड़ितों को वापस मिलेगा पैसा

ईडी ने जिस FIR के आधार पर जांच शुरू की थी, इसमें आरोप था कि रोटोमैक ग्लोबल ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 456 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगाया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • रोटोमैक ग्लोबल पर बड़ौदा बैंक को 456 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने का गंभीर आरोप था
  • ईडी ने 2018 में PMLA के तहत कंपनी की फैक्ट्री, जमीन, मशीनरी और अन्य संपत्तियां अटैच की थीं
  • ED ने रोटोमैक ग्लोबल केस में अटैच की गई करीब 380 करोड़ की संपत्तियां कोर्ट से रिलीज करवाई हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 380 करोड़ रुपये की अटैच की गई संपत्तियों को रिलीज करवाया है. इससे अब कंपनी के लिक्विडेटर को संपत्तियों की बिक्री (लिक्विडेशन) आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और बैंकों व अन्य पीड़ितों को पैसा वापस मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा.

रोटोमैक पर बैंक को 456 करोड़ का चूना लगाने का आरोप

ईडी ने एक FIR के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी, जो CBI ने दर्ज की थी. FIR में आरोप था कि रोटोमैक ग्लोबल ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 456 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगाया. कंपनी पर आरोप था कि उसने लोन का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट कर दिया.

इसके बाद ईडी ने कार्रवाई करते हुए साल 2018 में PMLA के तहत रोटोमैक ग्लोबल की फैक्ट्री, इंडस्ट्रियल प्लॉट, जमीन, मशीनरी, गाड़ियां, ऑफिस के सामान जैसी कई संपत्तियां अटैच की थीं. बाद में इन्हें PMLA की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी मंजूरी दे दी थी.

घाटा कम करने को संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी

ये सभी संपत्तियां पहले पब्लिक सेक्टर बैंकों के पास गिरवी थीं, लेकिन बाद में बैंकों ने अपने अधिकार छोड़कर इन्हें कंपनी के लिक्विडेटर के हवाले कर दिया. लिक्विडेटर ने कोर्ट से अनुरोध किया कि संपत्तियों की कीमत लगातार घट रही है. बैंकों पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा है, इसलिए इन्हें बेचने की अनुमति दी जाए ताकि नुकसान कम हो और रिकवरी ज़्यादा हो सके.

ईडी ने कहा, बैंकों को पैसा दिलाना मकसद

ईडी ने अपने जवाब में कोर्ट में कहा कि PMLA का मकसद असली पीड़ितों यानी बैंकों और अन्य दावेदारों को पैसा वापस दिलाना है, इसलिए संपत्तियां रिलीज करने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद 15 नवंबर 2025 को PMLA की स्पेशल कोर्ट ने आदेश दिया कि अटैच की गई सभी संपत्तियां लिक्विडेटर को वापस दी जाएं ताकि उन्हें बेचकर बैंकों व अन्य दावेदारों को पैसा लौटाया जा सके. 

सरकारी बैंकों के लिए राहत भरी खबर 

यह फैसला उन सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने इस घोटाले में भारी नुकसान झेला था. ईडी का कहना है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें ग़ैरकानूनी कमाई को जब्त करना और बाद में उसे असली हकदारों को लौटाना शामिल है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Blast में बहुत बड़ा खुलासा! 60 से ज्यादा वीडियो, आतंकी उमर की 11 लोगों की 'टेरर टीम'!