- रोहतक में दलित युवक सुमित की हत्या के मामले में CCTV फुटेज से नया खुलासा हुआ है.
- सुमित को थार गाड़ी में रौनक राणा और विशाल नामक युवकों ने अस्पताल पहुंचाया था.
- सुमित की मां ने बेरहमी से मौत का आरोप लगाते हुए एसपी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.
हरियाणा के रोहतक में दलित युवक सुमित उर्फ शुभम की हत्या के मामले में सीसीटीवी फुटेज से नया ट्विस्ट आया है. पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि 27 जुलाई को महिंद्रा थार गाड़ी में दो लोग सुमित को अस्पताल लेकर आए थे. जब उन्हें पता लगा कि सुमित की मौत हो चुकी है, तो वे बहाना बनाकर फरार हो गए. इसी थार गाड़ी में पहले सुमित बैठकर जाता दिखा था. पुलिस ने दोनों युवकों की पहचान कर ली है. लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. शुक्रवार को सुमित के परिजनों ने एसपी से मुलाकात करके कार्रवाई की मांग की. परिजनों ने एसपी पर दुव्यर्वहार का आरोप लगाया है.
CCTV से खुला थार गाड़ी का राज
रोहतक के सुभाष रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में 27 जुलाई की सुबह थार गाड़ी में सुमित को लाने वाले युवकों की पहचान पुलिस ने कर ली है. इनके नाम रौनक राणा और विशाल बताए गए हैं. सीसीटीवी फुटेज में ये दोनों को सुमित को अस्पताल लाते हुए दिख रहे हैं. ये वही थार गाड़ी है, जिसमें 25 जुलाई की रात को सुमित बैठकर आया था और फिर करीब डेढ़ घंटे बाद उसी थार में वापस चला गया था. इसकी सीसीटीवी भी पुलिस ने निकाल ली हैं.
मां का आरोप, निर्मम तरीके से हत्या हुई
सुमित की मां नीलम ने सुमित की बेरहमी से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि सुमित को घर पर शुभम और गोलू भी कहते थे. उसके शरीर पर चोट के बहुत से निशान थे. उसके सिर में सुए लगाए हुए थे. नीलम ने बताया कि सुमित अपने बचपन के दोस्त साहिल मलिक उर्फ चीकू के साथ एक रेस्टोरेंट खोलने की बात कर रहा था. सुमित ने उन्हें एक तीसरे लड़के संगम के बारे में भी बताया था, जिसे वो नहीं जानतीं. उन्होंने जब होटल खोलने के लिए पैसों के बारे में पूछा तो सुमित ने कहा था कि टेंशन मत लो, सारा खर्चा साहिल और संगम देख लेंगे. वो हमें होटल दिखाने भी ले गया था जहां साहिल से मुलाकात हुई थी.
जन्मदिन की रात का आखिरी सफर
नीलम ने बताया कि 25 जुलाई को सुमित का जन्मदिन था. उस दिन उसने बताया कि वह दोस्तों के साथ खाटूश्याम मंदिर जा रहा है और 26 की दोपहर तक लौट आएगा. शाम तक जब वह नहीं लौटा तो घरवालों को फिक्र हुई. 26-27 जुलाई की आधी रात को करीब 1:30 बजे सुमित घर आया और दरवाजा खोलकर सीधे अंदर चला गया. वह शांत और थका हुआ लग रहा था. उसने किसी से बात नहीं की और जाकर सो गया. नीलम के अनुसार, रात को 3 बजे वह फिर से थार गाड़ी में बैठकर चला गया. इसकी तस्वीरें घर के आसपास लगे सीसीटीवी में कैद हुई हैं.
काली थार गाड़ी में आया, उसी में चला गया
नीलम ने बताया कि 27 जुलाई की सुबह हमने देखा तो सुमित घर पर नहीं था. सुबह करीब 10 बजे उसका फोन भी स्विच ऑफ हो गया. दोपहर करीब 2:30 बजे पुलिस और सीआईए टीम उनके घर आई और बताया कि सुमित की हत्या हो गई है. पुलिस ने गली के सीसीटीवी फुटेज निकाले. उसमें साफ दिखा कि 26 जुलाई की रात करीब 1:30 बजे एक काली थार गाड़ी सुमित को घर छोड़ने आई थी. 27 जुलाई की सुबह 3 बजे सुमित उसी थार में बैठकर दोबारा जाता हुआ दिखा. वह किसी से फोन पर बात कर रहा था. यही आखिरी फुटेज था, जिसमें सुमित जीवित दिख रहा है. यही थार गाड़ी बाद में प्राइवेट अस्पताल के बाहर भी देखी गई, जहां से रौनक राणा और विशाल सुमित को लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद दोनों बहाना बनाकर भाग निकले.
परिजनों की एसपी से कार्रवाई की मांग
सुमित के परिजनों ने शुक्रवार को रोहतक के एसपी से मिलकर आरोपियों की गिरफ्तारी की गुहार लगाई. परिजनों का आरोप है कि एसपी ने गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया. जब उन्होंने दलित होने के नाते SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की अपील की तो एसपी उल्टा उन पर ही भड़क गए और पूरी बात सुने बिना उन्हें बाहर कर दिया. परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि हत्या के छह दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.