टेंडर का पैसा अटकने से नाराज था मुंबई में बच्चों को बंधक बनने वाला रोहित, 3 बातें जो अभी तक सामने आई हैं

रोहित आर्या ने मुंबई में बच्चों को बंधक बनाया था. उसने एक वीडियो को भी जारी किया था जिसने उसने बताया था कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रोहित आर्या मामले में हुआ बड़ा खुलासा
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • मुंबई में बच्चों को बंधक बनाने के मामले में पुलिस फायरिंग में आरोपी रोहित आर्या की मौत हुई है
  • रोहित आर्या ने सरकारी प्रोजेक्ट में फंसा पैसा न मिलने से परेशान होकर बच्चों को बंधक बनाया था
  • आर्या ने पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल में भुगतान न मिलने का आरोप लगाया था
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

मुंबई में बच्चों को बंधक बनाने के मामले में पुलिस फायरिंग में आरोपी रोहित आर्या की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने जब उसे आत्मसमर्पण करने को कहा था तो उसने पुलिस पर फायरिंग की थी, इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई. इस मामले में एक हैरान करने वाली बात सामने आई है. सूत्रों के अनुसार रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक इसलिए बनाया था क्योंकि सरकारी प्रोजेक्ट में फंसा उसका पैसा उसे वापस नहीं मिला था. वो इस बात से काफी परेशान था. इसी गुस्से में उसने इस घटना को अंजाम दिया. 

रोहित ने लगाया था आरोप

सूत्रों के अनुसार रोहित आर्या को पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान उसके प्रोजेक्ट का पैसा नहीं दिया गया था. उसने 'मुख्यमंत्री मेरी शाला, सुंदर शाला' अभियान के तहत चलाए गए महत्वपूर्ण 'पीएलसी स्वच्छता मॉनिटर परियोजना' के लिए महाराष्ट्र सरकार के शिक्षण विभाग द्वारा भुगतान न किए जाने का आरोप लगाया था. रोहित आर्या पुणे से एक सामाजिक कार्यकर्ता बताया जा रहा है.  

भूख हड़ताल भी की थी

2013 में आर्या ने 'लेट्स चेंज' अभियान के माध्यम से इस परियोजना की कल्पना की थी, जिसका उद्देश्य स्कूली बच्चों को स्वच्छता दूत बनाना था. आर्या ने पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के निर्देश पर 2022 में अपने खर्च पर यह परियोजना महाराष्ट्र की स्कूलों में शुरू किया था. आर्या का आरोप रहा था कि इस परियोजना के लिए शिक्षण विभाग ने 2 करोड़ की राशि आवंटित की थी, लेकिन जनवरी 2024 से वरिष्ठ अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे थे और उसे पैसों का भुगतान नहीं किया गया.भुगतान न मिलने और उन्हें अभियान से बाहर किए जाने से तंग आकर आर्या ने जुलाई और अगस्त में भूख हड़ताल किया था.

अभी भी फंसे थे काफी पैसे

आर्या ने आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री दीपक केसरकर(शिवसेना-शिंदे गुट) के आश्वासन पर भूख हड़ताल वापस लेने के बावजूद पैसे नहीं मिले.केसरकर के सरकारी बंगले के बाहर भूख हड़ताल शुरू किया था. तब आर्या के अनुसार, इस दौरान केसरकर ने उसे व्यक्तिगत सहायता के रूप में ₹7 लाख और ₹8 लाख के दो चेक दिए थे और शेष राशि बाद में देने का वादा किया था, लेकिन वह पूरा नहीं मिली. आर्या ने यह भी दावा किया था कि अभियान में सबसे स्वच्छ स्कूलों को जानबूझकर गलत अंक दिए गए और राजनीतिक नेताओं के स्कूलों को विजेता के रूप में चुना गया है.

रोहित आर्या के आरोपों पर शिक्षा विभाग ने क्या कुछ कहा

महाराष्ट्र के शिक्षण सचिव रणजीत सिंह देओल ने रोहित आर्या के आरोपों पर सरकार का पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि स्वच्छता मॉनिटर प्रोजेक्ट के लिए रोहित आर्य को 2 करोड़ रुपये देने का कोई समझौता नहीं हुआ था. उन्होंने यह काम स्वेच्छा से किया था और इस कार्य के लिए उन्हें प्रमाणपत्र दिया गया था. इसके बाद वे सरकार के साथ ‘माझी शाळा सुंदर शाळा' कार्यक्रम को लागू करने के लिए चर्चा में थे, लेकिन वह कार्यक्रम अंतिम रूप नहीं ले सका. महाराष्ट्र सरकार पर रोहित आर्य का कोई बकाया नहीं है.

Featured Video Of The Day
Sucherita Kukreti | Bangladesh Violence | Sharif Osman Hadi: हादी की हत्या से किसे फायदा? | PAK
Topics mentioned in this article