उत्तराखंड में भारी बारिश-भूस्खलन से सड़कें ध्वस्त, NDRF फंसे लोगों को महफूज स्थानों पर पहुंचाने में जुटी

उत्तराखंड आपदा में अब तक 47 लोगों की जान जा चुकी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार रात उच्चस्तरीय समीक्षा कर जानमाल के नुकसान का जायजा लिया था.

Advertisement
Read Time: 19 mins

Uttrakhand Crisis : उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में दो दिनों की भारी बारिश और भूस्खलन (Utttarakhand Rainfall Landslide)  से कुमाऊं क्षेत्र में भारी तबाही देखने को मिली है. सड़कों पर आए सैलाब से रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं. पुल टूट गए हैं और रेल पटरियां उखड़ गई हैं. इससे पर्यटक तो परेशान हैं ही, स्थानीय लोग भी अपने जरूरी कामकाज के लिए दूसरी जगह नहीं पा रहे हैं. हालांकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) औऱ राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें इन खराब रास्तों से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के काम में जुटी हैं. 
एनडीआरएफ के डीजी सत्य नारायण प्रधान ने ट्वीट कर आपदा बल के राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी भी दी है.

प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच एनडीआरएफ की टीमें दिन रात प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने में जुटी हैं. नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा जिलों में कई जगहों पर बाढ़ और भूस्खलन से आवाजाही बंद हो गई थी. इसके बाद एनडीआरएफ की 15 टीमों ने उन्हें सुरक्षित जगहों पर लाने का अभियान छेड़ा है. पर्यटकों और आम नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा रहा है. नैनीताल के छारा इलाके में भी एनडीआरएफ की टीम ऐसे ही राहत कार्य में जुटी है. 

Advertisement

उत्तराखंड आपदा में अब तक 47 लोगों की जान जा चुकी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार रात उच्चस्तरीय समीक्षा कर जानमाल के नुकसान का जायजा लिया था. उन्होंने मृतकों के पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. जिनके घर ध्वस्त हुए हैं, उन्हें भी एक लाख रुपये दिए जाएंगे. 

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम से बात की है औऱ राज्य की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. वायुसेना भी तीन हेलीकॉप्टरों के जरिये नैनीताल और अन्य प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है. 

Advertisement