बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची RJD, याचिका दायर कर दी चुनौती

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्षी दलों का विरोध जारी है. इस प्रक्रिया को रोकने के लिए अब आरजेडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.

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राजद नेता तेजस्वी यादव और मनोज झा.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. विपक्ष चुनाव आयोग और इस प्रक्रिया की टाइमिंग पर सवाल खड़े कर रहा है. महागठबंधन ने इस मामले को लेकर 9 जुलाई को चक्का जाम का ऐलान भी किया है. हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के लिए जरूरी है. दूसरी ओर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. RJD सांसद डॉ. मनोज झा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने चुनाव आयोग के इस कसम को चुनौती दी है.

  • मनोज झा ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है. 
  • इससे पहले एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और TMC सांसद महुआ मोइत्रा भी चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दे चुके है.
  • इन याचिकाओं मे कहा गया है चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छीन जाएगा. 

बिहार में इसी साल चुनाव होना है. बीते 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न) की घोषणा की थी. आयोग के इस फैसले पर कई विपक्षी दल के नेता भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं

इस मामले में चुनाव सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था ADR (Association for Democratic Reforms) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. संस्था का कहना है कि, 'चुनाव आयोग की यह नीति संविधान के खिलाफ है. इससे वो लोग जो गरीब हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है.' 

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