राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के तीन कट्टर समर्थक शुक्रवार को अपने नेता से मिलने के लिए भैंस पर सवार होकर लालू की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पहुंचे. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के ये तीनों प्रशंसक अपने और भैंस के शरीर पर हरे रंग के ऊपर सफेद रंग में सीबीआई की निंदा करने वाले नारे लिख रखे थे. दर्शक उस समय हंसने पर और मजबूर हो गए जब एक भैंस पर सवार लालू के एक प्रशंसक, जो संयोग से उनके पैतृक जिला गोपालगंज से सटे सीवान जिला का था, ने घोषणा की कि उसका नाम ‘‘नटवरलाल‘‘ है.
नटवरलाल के दो साथियों में से एक मिथिलेश पंडित जिसकी लंबाई करीब तीन फीट से कम थी, ने भैंस की डोर थाम रखी थी. उन्होंने कहा कि वे लगभग 45 किलोमीटर दूर वैशाली जिले के महुआ से आ रहे हैं. हालांकि अपनी अधेड़ उम्र में ये लोग राजद के 30 वर्षीय उत्तराधिकारी तेजस्वी को अपना ‘‘पिताजी'', जबकि लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को दादा-दादी मानते हैं.लालू के ये प्रशंसक अपने हाथ में लालटेन (राजद का चुनाव चिन्ह) और पार्टी का झंडा ले रखा था और ‘‘होश में आओ सीबीआई‘‘ के नारे लगा रहे थे.
उन्होंने दावा किया कि लालू जी रांची या दिल्ली में रहते हुए भी उनसे फोन पर बात करते रहते हैं, वह हमें देखना चाहते थे इसलिए हम यहां हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए हैं, क्योंकि बच्चों के पास माता-पिता से छिपाने के लिए कुछ नहीं है. भैंस हमारे नेता की सवारी का प्रतीक है. उन्होंने मवेशियों को पालना शुरू किया और शीर्ष पर पहुंच गए. राजद सुप्रीमो इसके तुरंत बाद आवास से बाहर निकलकर बिहार विधानसभा, जहां उनकी बेटी मीसा भारती राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने जा रही थीं, के लिए रवाना हो गए.
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राजद सुप्रीमो के इन तीनों प्रशंसक का कहना था कि उनके साहेब (लालू) शिव भक्त हैं, यहां उनकी उपस्थिति एक शिव जी की बारात को आकर्षित करती है. अंततः राबडी आवास पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने लालू के इन प्रशंसकों को उनके कारण उत्पन्न हो रही बाधा की वजह से उन्हें राबडी आवास के मुख्यद्वार के पास से खदेड़ दिया .
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