असम के NRC डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया में छेड़छाड़ का खतरा : CAG की रिपोर्ट

असम के लिए अद्यतन अंतिम एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
राष्ट्रव्यापी एनआरसी बनाने की योजना पहली बार असम के लिए घोषित की गई थी (फाइल फोटो)
गुवाहाटी:

नागरिकता दस्तावेज को अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान डेटा एकत्रीकरण और इसमें सुधार करने से संबंधित सॉफ्टवेयर उपयुक्त रूप से विकसित नहीं कर पाने के कारण भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने असम की राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) में ‘‘डेटा से छेड़छाड़ के खतरे'' के प्रति आगाह किया है. कैग के मुताबिक, एनआरसी को अद्यतन करने की प्रक्रिया के लिए एक बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर विकसित करने की आवश्यकता थी, लेकिन ऑडिट के दौरान ‘‘इस संबंध में उपयुक्त योजना नहीं होने'' की बात सामने आई.

असम के लिए अद्यतन अंतिम एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे. हालांकि, इसे अधिसूचित किया जाना बाकी है. कैग ने शनिवार को असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 2020 में समाप्त वर्ष के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि 215 ‘सॉफ्टवेयर यूटिलिटी' को ‘‘बेतरतीब तरीके'' से मूल सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था.

रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘यह साफ्टवेयर विकसित करने की वाजिब प्रक्रिया का पालन किये बगैर या एक राष्ट्रीय निविदा प्रक्रिया के बाद पात्रता आकलन के जरिये विक्रेता का चयन किये बिना किया गया.'' कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखा परीक्षा से एनआरसी डेटा की सत्यता के लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती थी. 

ये भी पढे़ं- 

 

Featured Video Of The Day
Maharashtra Cabinet Portfolio: महाराष्ट्र में विभागों का बंटवारा, देखें 10 बड़े Updates
Topics mentioned in this article