पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवज्ञा करते हुए कहा कि वे अपनी मांगें पूरी होने और आरजी कर अस्पताल घटना की पीड़िता को न्याय मिलने तक ड्यूटी पर नहीं जाएंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले, प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश देते हुए कहा था कि ऐसा करने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
स्वास्थ्य भवन तक डॉक्टरों ने निकाला मार्च
लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने के एक सप्ताह बाद, सैकड़ों जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन की ओर मार्च किया और आर जी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या की पीड़िता चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की. इसके साथ ही प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने मामले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त एवं कई स्वास्थ्य अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शनकारी डॉक्टर पिछले सप्ताह लालबाजार में रीढ़ की हड्डी का मॉडल लेकर गए थे. इस बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने साल्ट लेक के सेक्टर-5 में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की ओर मार्च करते हुए झाड़ू और मस्तिष्क का मॉडल दिखाया.
51 डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज ने भेजा नोटिस
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने और संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डालने के लिए 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है और उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा है. अस्पताल के अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि उन्हें समिति के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी. आरजी कर अस्पताल की विशेष परिषद समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, उन 51 डॉक्टरों के लिए संस्थान के परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित है, जब तक कि जांच समिति द्वारा उन्हें नहीं बुलाया जाता.
अस्पताल के प्राचार्य द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में कहा गया है इन डॉक्टरों के कॉलेज की गतिविधियों में भाग लेने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. सूची में वरिष्ठ रेजिडेंट, हाउस स्टाफ, इंटर्न और प्रोफेसर शामिल हैं.
पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग पर ममता बनर्जी ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल आरजी कर मेडिकल कॉलेज घटना के मद्देनजर अपना इस्तीफा देने के लिए कई बार उनके पास आए. लेकिन उन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया. बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा, "कमिश्नर कई बार इस्तीफा देने के लिए मेरे पास आए. वह एक सप्ताह पहले भी इस उद्देश्य से मेरे पास आए थे. लेकिन दुर्गा पूजा का त्योहार आगे है, जो व्यक्ति प्रभारी होगा, उसे कानून और व्यवस्था से संबंधित मौजूदा स्थिति के बारे में पता होना चाहिए. कुछ और दिन धैर्य रखने में क्या बुराई है?
विरोध प्रदर्शन केंद्र की साजिश, वामपंथी भी इसमें शामिल: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया था कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल में पिछले महीने एक चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना पर जन आक्रोश को लेकर केंद्र ने साजिश रची है. उन्होंने दावा किया कि इस साजिश में कुछ वामपंथी दल भी शामिल हैं. राज्य सचिवालय नबान्न में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पीड़ित महिला चिकित्सक के माता-पिता को कभी पैसों की पेशकश नहीं की. उन्होंने उस अभियान को खारिज कर दिया जिसमें पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मुआवजा स्वीकार करने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने लोगों से दुर्गा पूजा नजदीक होने पर 'उत्सवों की ओर लौटने' का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, 'अगर आप हर रात सड़कों पर रहते हैं तो बुजुर्ग लोग ध्वनि प्रदूषण के कारण नींद से वंचित रह जाते हैं. एक महीना बीत चुका है. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप उत्सवों की तरफ लौटें और मांग करती हूं कि सीबीआई जल्द से जल्द जांच पूरी करे.''
ममता बनर्जी ने जानबूझकर जांच को बाधित किया : तरुण चुघ
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि उनकी पुलिस द्वारा आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप और मर्डर केस में एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटें का विलंब क्यों हुआ था. टीएमसी सरकार किसी ना किसी तरह से जांच को बाधित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि पुलिस की चार्जशीट से पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों गायब है? मुख्यमंत्री ने अपने चहेते कोलकाता पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने के लिए जांच में बाधा डाली और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की.
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