हरियाणा में फरीदाबाद की एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी को ट्राई और मुंबई पुलिस के अधिकारी बनकर जालसाजों ने 40 लाख रुपये की ठगी की और उन्हें 18 दिनों तक 'डिजिटल गिरफ्तारी' में रखा. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता मोनिका केन्द्रीय श्रम मंत्रालय में श्रम कल्याण आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं. वह अपनी 90 वर्षीय मां के साथ फरीदाबाद में रहती हैं, जबकि उनकी बेटी दिल्ली में रहती है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 11 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और उन्हें अगले 18 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया.
इस तरह से की गई ठगी
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, कॉल करने वाले ने खुद को दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) का प्रतिनिधि बताया और उन्हें सूचित किया कि उनके आधार कार्ड और फोन नंबर का इस्तेमाल करके मुंबई के केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है. कॉल करने वाले ने उस खाते से एक निजी विमानन कंपनी के सीईओ से जुड़े एक बड़े लेनदेन का भी जिक्र किया.
इसके बाद कॉल करने वाले ने कॉल को दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरित कर दिया, जिसने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया. वीडियो कॉल के दौरान, कथित अधिकारी ने बैंक खाते से कर्ज से संबंधित दस्तावेज दिखाए और व्हाट्सएप के जरिए उसे गिरफ्तारी वारंट भेजा. पुलिस ने बताया कि जालसाज ने घर में नजरबंद रहने पर जोर दिया और दिन-रात व्हाट्सएप वॉयस कॉल चालू रखने को कहा तथा पीड़िता को निर्देश दिया कि वह इस स्थिति के बारे में किसी को न बताए अन्यथा उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पुलिस ने जांच की शुरू
पुलिस ने बताया कि इस दौरान आरोपी ने उसके खाते से 40 लाख रुपये स्थानांतरित कर लिए और जांच पूरी होने के बाद पैसे लौटाने का वादा किया. अठारवें दिन जब आरोपी ने वीडियो कॉल के दौरान जवाब देना बंद कर दिया, तो मोनिका को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, “डर के कारण मैंने करीब 15 दिनों तक किसी से शिकायत नहीं की, लेकिन आखिरकार अब पुलिस के पास पहुंची.” पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.