खाद्य पदार्थों और तेल की महंगाई का असर अब महंगाई के आंकड़ों पर दिखने लगा है. मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई है, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी से कहीं आगे निकल गई है. फरवरी में यह 6.07 फीसदी पर थी. खाद्य पदार्थों और पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ये खुदरा महंगाई बढ़ी है. ट्रांसपोर्टरों का पहले ही कहना है कि पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतों में करीब 10-10 रुपये की वृद्धि के बाद माल भाड़ा 15-20 फीसदी महंगा हो गया है. ऐसे में थोक बाजारों में भी सब्जियों औऱ फलों की कीमतो में भी तेज बढ़ोतरी हुई है.
मार्च माह में खाद्य मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ते हुए 7.68 फीसदी पर पहुंच गई जबकि फरवरी माह में यह 5.85 फीसदी थी. जनवरी 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.01% पर थी, इसके साथ ही कज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर गणना की जाने वाली मुद्रास्फीति ने रिजर्व बैंक की ओर से तय लक्ष्य 6 प्रतिशत को पीछे छोड़ दिया था. फरवरी और मार्च माह की तुलना करें तो मीट व फिश, दुग्ध उत्पाद, अनाज, कपड़े और फुटवियर की कीमतों में मार्च माह में इजाफा हुआ है.
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