क्या बीजेपी दे रही बड़ा संदेश, RSS की पृष्ठभूमि के नेताओं को राज्यपाल,प्रदेश प्रभारियों की जिम्मेदारी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार देर रात नौ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की है. वहीं कुछ राज्यपालों को दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है.

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नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से बीजेपी और आरएसएस के बीच मतभेद की अटकलों को कई बार संघ और बीजेपी दोनों की ओर से खारिज किया गया है. अब बीजेपी ने कुछ ऐसे फैसले किए हैं, जिनसे इन बातों को जड़ से ही समाप्त किया जा सके. इनमें एक बड़ा फैसला मोदी सरकार ने भी लिया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर 1966 से चली आ रही रोक को समाप्त कर दिया गया. कुछ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति में भी कुछ ऐसा ही हुआ है.

राज्यपालों की नियुक्ति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार देर रात नौ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की है. वहीं कुछ राज्यपालों को दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है. नए राज्यपालों की नियुक्ति में केंद्र सरकार ने आरएसएस की पृष्ठभूमि से आए नेताओं को प्राथमिकता दी है और साथ ही जातीय समीकरणों को भी साधा है.

संतोष गंगवार

उत्तर प्रदेश में गैर यादव ओबीसी की नाराजगी का सामना बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में करना पड़ा था. ऐसे में राज्य के ताकतवर कुर्मी नेता संतोष गंगवार को अब चुनावी राज्य झारखंड का प्रभारी बनाया गया है. गंगवार बेहद अनुभवी नेता हैं, जो आठ बार बरेली लोकसभा सीट पर चुनाव जीते हैं. वह वाजपेयी और मोदी दोनों सरकारों में मंत्री रहे हैं. इस चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था और बीजेपी को कुर्मी वोटों की नाराजगी का सामना बरेली और उसके आसपास की सीटों जैसे आंवला और बदायूं में करना पड़ा था. हालांकि, बीजेपी ने बरेली सीट बचा ली, लेकिन आंवला और बदायूं में हार का सामना करना पड़ा. गंगवार की जड़ें आरएसएस में हैं और अब उन्हें राज्यपाल का सम्मानजनक पद देकर सक्रिय राजनीति से उनकी विदाई तो की गई, लेकिन कुर्मी समुदाय को एक बड़ा संदेश भी दिया गया है.

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लक्ष्मण आचार्य

उत्तर प्रदेश से ही एक दूसरा बड़ा नाम लक्ष्मण आचार्य का भी है, जिन्हें असम का राज्यपाल बनाया गया है. वह निषाद समुदाय की खरवार जाति से आते हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में निषाद वोटों का खासा महत्व है. इस लोकसभा चुनाव में पिछड़ों के साथ दलित वोटों ने भी बीजेपी से किनारा किया था. ऐसे में लक्ष्मण आचार्य को राज्यपाल पद की जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने निषाद समुदाय को भी साधने का प्रयास किया है. आचार्य संघ से जुड़े रहे हैं और उत्तर प्रदेश विधान परिषद में उप नेता भी रह चुके हैं.

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ओम माथुर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी ओम माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है. लंबे समय तक आरएसएस में काम करने वाले ओम माथुर ने बीजेपी में शुरुआत प्रदेश संगठन मंत्री के तौर पर की थी. वह लंबे समय तक गुजरात के प्रभारी भी रहे. उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. ओम माथुर को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का प्रभार भी दिया गया. वह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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हरिभाऊ बागड़े

महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे हरिभाऊ बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया है. राज्य के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह मराठा समुदाय को बड़ा राजनीतिक संदेश है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हरिभाऊ बागड़े की पहचान ताकतवर मराठा नेता के रूप में है. उनकी जड़ें भी आरएसएस में हैं.

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रमन डेका

असम से दो बार सांसद रह चुके रमन डेका प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. उन्हें छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया गया है. डेका की जड़ें आरएसएस में हैं और वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से वह बीजेपी में आए थे.

जिष्णुदेव वर्मा

त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री रह चुके जिष्णुदेव वर्मा को तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया है. वह त्रिपुरा के देववर्मा राजघराने से आते हैं. वैचारिक रूप से हिंदुत्व के प्रति समर्पित रहे हैं और वह राम जन्मभूमि आंदोलन के समय बीजेपी से जुड़े थे. राज्य की राजनीति में उनका खासा प्रभाव देखते हुए ही उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी.

सी एच विजयशंकर

कर्नाटक बीजेपी के कद्दावर नेता सी एच विजयशंकर को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है. वह मैसूर क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और दो बार सांसद भी बने हैं. वह पिछड़े कुरबा समुदाय से आते हैं जिस समुदाय के कांग्रेस नेता सिद्दारमैया वर्तमान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी ने उन्हें राज्यपाल बना कर कर्नाटक के कुरुबा समुदाया को राजनीतिक संदेश दिया है.

के कैलाशनाथन

उन्हें पुडुचेरी का उपराज्यपाल बनाया गया है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वस्त नौकरशाह माने जाते हैं. मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए कैलाशनाथन सबसे ताकतवर नौकरशाह थे. बाद में उन्हें रिकॉर्ड ग्यारह बार एक्सटेंशन दिया गया था. 

नए प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष

बीजेपी ने बिहार, हरियाणा और राजस्थान में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति में संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को तरजीह दी है. राजस्थान में मदन राठौड़, हरियाणा में मोहन लाल बडौली और बिहार में दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इसी तरह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई महत्वपूर्ण राज्यों में प्रभारी और सह प्रभारियों की घोषणा की थी. इनमें भी संघ पृष्ठभूमि से आए नेताओं को प्राथमिकता और महत्व दिया गया था.

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