''कैप्टन हटाओ'' बनाम ''नवजोत सिद्धू के सहयोगियों को बर्खास्त करो'', कांग्रेस में फिर संकट

यह दूसरी बार है जब पंजाब के नेताओं ने पार्टी आलाकमान द्वारा हफ्तों पहले की गई गोलाबारी के बाद मुख्यमंत्री को हटाने पर फिर जोर दिया है

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नई दिल्ली:

अमरिंदर सिंह के पाकिस्तान और कश्मीर पर टिप्पणियों को लेकर नवजोत सिद्धू के सलाहकारों पर निशाना साधने के बाद उनको पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग मुफिर से उठी है. तीन मंत्रियों सहित पंजाब कांग्रेस के 23 विधायकों ने अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग करते हुए कहा कि वे फिर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अपील करेंगे. कैबिनेट मंत्री तृप्त सिंह बाजवा ने कहा, "कप्तान को बदला जाना चाहिए नहीं तो कांग्रेस नहीं बचेगी... हम इस मुद्दे पर सोनिया गांधी से मिलेंगे."

इस बीच अमरिंदर सिंह के वफादार पंजाब के पांच मंत्रियों और एक विधायक ने सिद्धू के उन सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने विवाद को हवा दी.

यह दूसरी बार है जब राज्य के नेताओं ने पार्टी आलाकमान द्वारा हफ्तों पहले की गई गोलाबारी के बाद मुख्यमंत्री को हटाने पर जोर दिया है.

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हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अमरिंदर सिंह को नहीं हटाया जाएगा. समझौता फार्मूले में मुख्यमंत्री को मुख्य रूप से चुनौती देने वाले नवजोत सिद्धू को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में पदोन्नत भी किया गया है.

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कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि "जब विधायकों को दिल्ली में तीन सदस्यीय पैनल से मिलने के लिए बुलाया गया था, तो पंजाब में सुखबीर बादल की बेअदबी की जांच के लिए बुलाया गया था. लेकिन हमें लगता है कि सभी चुनावी वादे पूरे नहीं होंगे, इसलिए हम केंद्रीय नेतृत्व से मिलेंगे." 

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