क्षेत्रीय दलों को अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच चुनावी बॉण्ड के जरिये 5,221 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला, जो इसी अवधि में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली 6,060.51 करोड़ रुपये की राशि से 839 करोड़ रुपये कम है. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों के मुताबिक दो राष्ट्रीय दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को इस अवधि में क्रमशः 1,421.86 करोड़ रुपये और 65.45 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. अन्य राष्ट्रीय दलों बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)और एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) को चुनावी बॉण्ड के जरिये कोई राशि नहीं मिली है.
चुनावी बॉण्ड जुटाने वाले क्षेत्रीय दल
- भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस)- 1,214.70 करोड़ रुपये
- बीजू जनता दल (बीजद) - 775.50 करोड़ रुपये
- द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)- 639 करोड़ रुपये
- वाईएसआर कांग्रेस पार्टी- 337 करोड़ रुपये,
- तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा)- 218.88 करोड़ रुपये
- शिवसेना -159.38 करोड़ रुपये जुटाए
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) - 73.5 करोड़ रुपये
- जनता दल सेक्युलर- 43.40 करोड़ रुपये,
- सिक्किम क्रांतिकारी पार्टी ने 36.5 करोड़ रुपये,
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 31 करोड़ रुपये,
- जन सेना पार्टी ने 21 करोड़ रुपये,
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने 14.05 करोड़ रुपये,
- जनता दल यूनाइटेड ने 14 करोड़ रुपये
- झारखंड मुक्ति मोर्चा - 13.5 करोड़ रुपये
- अकाली दल - 7.2 करोड़ रुपये
- ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) - 6.05 करोड़ रुपये
- सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट- 5.5 करोड़ रुपये जुटाए
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को चुनावी बॉण्ड के जरिए एक करोड़ रुपये से कम राशि प्राप्त हुई.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा पूर्व में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड बेचे गए हैं. चुनाव आयोग की ओर से अब तक प्रकाशित आंकड़ों में मार्च 2018 से 11 अप्रैल 2019 तक की अवधि के बॉण्ड शामिल नहीं है.
पिछले माह जारी अपनी एक रिपोर्ट में इसने कहा कि भाजपा को चुनावी बॉण्ड से 6566 करोड़ रुपये (54.77 फीसदी) की सर्वाधिक राशि प्राप्त हुई. इसके बाद कांग्रेस को 1123 करोड़ रुपये (9.37 फीसदी) और तृणमूल कांग्रेस को 1092 करोड़ रुपये (9.11 फीसदी) की रकम मिली.
उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर एक हलफनामे में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बताया कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच दानदाताओं द्वारा विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे गए, जिनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया.