पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट (Rampurhat Violence) में आठ लोगों को जिंदा जला देने का मुख्य आरोपी अनारुल हुसैन (Anarul Hussain) बेहद कम वक्त में ही राजमिस्त्री के धंधे को पीछे छोड़ते हुए सियासत के नए मुकाम पर पहुंचा. रामपुरहाट कस्बे में अनारुल हुसैन का तीन मंजिला आलीशान मकान है. उसने सियासत में ऐसी पकड़ बना ली थी कि पुलिसकर्मी उसे छूने की हिम्मत तक नहीं कर पाते थे. हुसैन के बचपन के दोस्त स्वप्न मंडल ने कहा, वो पहले निर्माण कार्य में पिता की मदद करता था और फिर खुद राजमिस्त्री बन गया. लेकिन पहले वो कांग्रेस में शामिल हुआ और फिर टीएमसी (TMC) का दामन थाम लिया. रामपुरहाट -1 ब्लॉक के तत्कालीन टीएमसी अध्यक्ष हुसैन को गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर गिरफ्तार पकड़ा गया था. हुसैन ने पुलिस को कथित तौर पर बोगटुई गांव में जाने से रोका, जहां 8 लोगों को जला दिया गया था.
नर्सरी चलाने वाले कार्तिक मंडल ने कहा कि हुसैन ने भ्रष्टाचार और गैरकानूनी कामों के जरिये बुलंदियां छू लीं. दो दशक से कम समय में उसने इतनी दौलत और ताकत हासिल कर ली. मंडल ने आरोप लगाया कि हुसैन ने मकान बनाने के लिए उनकी जमीन हड़प ली. हुसैन को बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष और स्थानीय विधायक आशीष बनर्जी का करीबी माना जाता है. एक जिला स्तर के पार्टी नेता ने आरोप लगाया कि, 2011 में टीएमसी के सत्ता में आने के बाद वो बढ़ता चला गया. वो स्थानीय कारोबारियों से जबरन वसूली करने के लिए नेटवर्क चलाने समेत रेत के अवैध खनन में भी शामिल रहा.
हुसैन ने शुरू में टीएमसी के बीरभूम अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के साथ प्रगाढ़ रिश्ते कायम किए, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सब बदल गया.. अनुब्रत नहीं चाहते थे कि अनारुल ब्लॉक अध्यक्ष बने और उसे हटाने की मांग की. लेकिन आशीष बनर्जी से उसकी निकटता ने कुर्सी बनाए रखने में मदद की. हालांकि हुसैन की बेटी मुमताज बेगम ने कहा, उनके पिता ने कुछ गलत नहीं किया. उनकी एकमात्र गल्ती थी कि उन्होंने लोगों के निर्देशों का पालन किया और वही किया जो वे चाहते थे.
बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुभाष चौधरी ने कहा कि बीरभूम में ऐसे कई अनारुल हैं जो तृणमूल के शासन में बेलगाम बन गए. हुसैन की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में उनकी जगह लेने वाले सैयद सिराज जिम्मी ने कुछ बोलने से इनकार कर दिया. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. टीएमसी की अगुवाई वाली पंचायत के उपप्रधान भादु शेख की हत्या के बाद बदले की कार्रवाई में करीब एक दर्जन घरों में आग लगा दी गई. बोगतुई में मंगलवार को छह महिलाओं और दो बच्चों के जले हुए शव बरामद किए गए.