Ramadan 2025: मुसलमानों को रमजान के महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है. जो इस साल रविवार 2 मार्च से शुरू होने जा रहा है. शनिवार एक मार्च को भारत में रमजान के चांद का दीदार हुआ. जिसके बाद रविवार से माह-ए-रमजान की शुरुआत की घोषणा की गई. शनिवार शाम भारत के अलग-अलग हिस्सों में आसमान में रमजान के चांद का दीदार हुआ. हैदराबाद में मक्का मस्जिद के ऊपर आसमान में अर्धचंद्र देखा गया, जो रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत का प्रतीक है. तिरुवनंतपुरम में पूर्वी किले के ऊपर भी अर्धचंद्र दिखा. जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों के तरावीह की नमाज अदा की.
हैदराबाद में मक्का मस्जिद के ऊपर आसमान में दिखा अर्धचंद्र.
दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में रमजान को लेकर खरीदारी
मुस्लिम समाज के लोग रमजान की तैयारियों में जुटे हैं. दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में खजूर और सेवइयों की खरीदारी जोरों पर है. दुकानदारों का कहना है कि लोग दूर-दराज से भी आ रहे हैं. साथ ही स्थानीय लोग भी खरीदारी कर रहे हैं. हालांकि, बिक्री पर महंगाई का असर भी दिख रहा है, क्योंकि माल की कीमतें बढ़ी हुई हैं.
सेवइयां बेचने वाले फरहान ने बताया कि सेवइयों की कीमतों में वृद्धि हुई है, क्योंकि इसके सामान की कीमतें पिछले कुछ समय में महंगी हो गई हैं. वहीं, इफ्तार के समय खजूर का विशेष महत्व होता है और इसकी बिक्री भी बढ़ी हुई है. रोजा रखने से पहले लोग सेवइयां बनाते हैं और शाम को इफ्तार में खजूर का सेवन करते हैं.
शनिवार शाम में जामा मस्जिद इलाके में खजूर और सेवइयां खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई दिखी. ग्राहक जिसान ने बताया, "हम लोग पहले रोजे को लेकर काफी उत्साहित हैं. हम सब बहुत खुश हैं. बच्चे भी बहुत खुश हैं. हम अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने आए हैं. बच्चों को हम नए कपड़े दिलाएंगे."
प्रयागराज की एक मस्जिद में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत करते हुए 'तरावीह' की नमाज अदा करते लोग.
मिठाई से शुगर बढ़ता है, इसलिए खजूर की डिमांड ज्यादा
वहीं दुकानदार फजले करीम ने कहा, "हमारा काम साल के 12 महीने चलता है. हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है. अब पहले की तुलना में खजूर की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. मिठाई से शुगर बढ़ जाता है. इस वजह से लोगों में खजूर की मांग बढ़ रही है. आमतौर पर जब खजूर की डिमांड बढ़ जाती है, तो इसकी कीमत में भी इजाफा दर्ज किया जाता है. भारत में खजूर खाड़ी के देशों से आता है."
लखनऊ के काजी-ए-शहर ने जारी की एजवाइजरी
लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि पहला रोजा रविवार को रखा जाएगा. मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली काजी-ए-शहर ने रमजानुल मुबारक को लेकर एडवाइजरी जारी की है. जिसमें बताया गया कि इस्लाम मजहब में रमजानुल मुबारक सबसे पवित्र महीना है, इसलिए तमाम मुसलमान यह पूरा महीना इबादत ही में गुजारें. रमजानुल मुबारक में पूरे महीने रोजा रखना हर आकिल, बालिग, मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है. रोजा इफ्तार सही वक्त पर ही करें. अगर रोजा वक्त से पहले खोल लिया तो रोजा खराब हो जाएगा.
नमाजियों से तय स्थान पर गाड़ी पार्क करने की अपील
इसमें कहा गया है कि अगर इफ्तार करने में ज्यादा देर की तो रोजा मकरूह हो जाएगा यानी सवाब कम हो जाएगा. कमेटी ने हर हैसियत वाले व्यक्ति से इफ्तार पार्टियों का एहतिमाम करने और उसमें गरीबों को भी शामिल करने की अपील की है. कमेटी ने कहा है कि इस मुबारक महीने में तरावीह जरूर पढ़ी जाए, क्योंकि रमजान में ही खुदा पाक ने पूरा कुरान पाक उतारा है. तरावीह पढ़ने वाले नमाजी और मस्जिदों की प्रबंधन कमेटी इस बात को सुनिश्चित करें कि नमाजियों की गाड़ियां तय स्थान पर पार्क की जाएं जिससे ट्रैफिक में कोई रुकावट पैदा न हो.
रमजान में मदद करने से 70 गुना अधिक सवाब मिलता है
एडवाइजरी में कहा गया है कि सेहरी करना सुन्नत है लेकिन सेहरी के वक्त बार-बार ऐलान न किया जाए और न ही किसी प्रकार का शोर किया जाए जिससे पड़ोसियों और मोहल्ले वालों को कोई तकलीफ हो. जिन लोगों पर जकात फर्ज है कि वे अपने माल का ढाई प्रतिशत निकालकर हकदार को दें. इस मुबारक माह में जरूरतमंदों की मदद करने से 70 गुना से अधिक सवाब मिलता है, इसलिए उसमें अधिक से अधिक सका और खैरात देने का एहतिमाम किया जाए.
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