राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख ने शंकराचार्यों के सवाल का दिया जवाब, बताया अभी प्राण प्रतिष्ठा कैसे है सही

ओडिशा के पुरी और उत्तराखंड के जोशीमठ के शंकराचार्य ने कहा है कि मंदिर निर्माण पूरा होने से पहले प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए

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नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में है मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) ने हिंदू धार्मिक नेताओं शंकराचार्यों द्वारा हो रहे है आलोचना और कार्यक्रम से दूर रहने फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.  शंकराचार्य देश के चार कोनों में चार मठों के मठाधीश हैं. उत्तर में उत्तराखंड, पूर्व में ओडिशा, दक्षिण में कर्नाटक और पश्चिम में गुजरात. वे हिंदू धर्म के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. 

शंकराचार्यों ने किन मुद्दों पर जतायी है आपत्ति?

गौरतलब है कि 2 शंकराचार्यों ने अभिषेक समारोह के आयोजन के तरीके पर सवाल उठाया है और कहा है कि वे इसमें शामिल नहीं होंगे, अन्य दो ने हालांकि इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है. यह बताते हुए कि वे इस कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं होंगे, ओडिशा के पुरी और उत्तराखंड के जोशीमठ में मठों के शंकराचार्यों ने कहा है कि मंदिर निर्माण पूरा होने से पहले प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी सवाल किया है कि जब शंकराचार्यों को  बाहर सीटें आवंटित की गई हैं तो प्रधानमंत्री गर्भगृह के अंदर क्यों होंगे. उनका आरोप है कि इस घटना को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. 

नृपेंद्र मिश्रा ने क्या कहा? 

 एनडीटीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए मिश्रा ने कहा कि शंकराचार्य धर्म गुरु हैं. मैं धर्म गुरु नहीं हूं. वे सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए जिम्मेदार हैं. नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि हमने घोषणा की थी कि राम लल्ला, बाल राम, भूतल (मंदिर के भूतल) में होंगे. भूतल में गर्भगृह, पांच मंडप और धार्मिक प्रतिमा होगी.यह हिस्सा पूरा हो चुका है.  उन्होंने कहा कि जो अधूरा रह गया है वह पहली मंजिल है.  उन्होंने कहा, "पहली मंजिल राम दरबार है. यहीं पर राजा राम आते हैं, जहां वह सीता के साथ बैठते हैं. पहली मंजिल पर, आपके पास राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान होंगे. 

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, मिश्रा ने 2014 से 2019 तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, जब मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई तो मिश्रा को निर्माण समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.  एनडीटीवी से बात करते हुए मिश्रा ने सोमवार के कार्यक्रम को भी बताया. 

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