राम मंदिर में 5 जून को होगी 6 मंदिरों की पूजा, आम लोगों के लिए कब खुलेगा पूरा परिसर? आ गई डेट

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण काम अपने अंतिम चरण में है. आज मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया. इसके साथ ही मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर का निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा.

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Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 5 जून तक पूरा जाएगा. इसके बाद राम मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. मंगलवार (29 अप्रैल) को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं. 

5 जून को होगी 6 मंदिरों की पूजा 

इन सभी मूर्तियों की पूजा 5 जून को होगी. इसके बाद आम जनता के लिए खोले जाएंगे. नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, रामदरबार और मंदिर के परकोटे पर बने 6 मंदिरों की पूजा 5 जून को की जाएगी. इसके लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि 5 जून के एक या दो दिन बाद ही लोगों को परिसर में स्थित सभी विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने को मिलेगा.

मंगलवार सुबह वैशाख शुक्ल द्वितीया को सुबह 8 बजे मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया. ध्वज दंड स्थापना की प्रक्रिया सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और डेढ़ घंटे में पूरी हो गई.

42 फुट ऊंचा यह ध्वज दंड मंदिर के मुख्य शिखर पर दूर से दिखाई देता है. इस ध्वज दंड को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, ताकि यह मंदिर की भव्यता और पवित्रता के अनुरूप हो. इसे स्थापित करने में इंजीनियरों और कारीगरों की एक कुशल टीम ने दिन-रात मेहनत की. 

2020 में शुरू हुआ था राम मंदिर निर्माण काम

चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड की स्थापना का कार्य पूरी सावधानी और धार्मिक विधि-विधान के साथ किया गया. इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार किए गए. यह ध्वज दंड न केवल मंदिर की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा. 

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राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 2020 में शुरू हुआ था और अब यह अपने अंतिम चरण में है. गर्भगृह और मुख्य संरचना पहले ही बनकर तैयार हो चुकी है. ध्वज दंड की स्थापना के साथ मंदिर का बाहरी स्वरूप और अधिक आकर्षक हो गया है. वहीं, भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में दर्शन, पूजा और अन्य व्यवस्थाओं को लगातार बेहतर किया जा रहा है.

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